अवैध कालोनियों को नियमित करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। जिले में अवैध कालोनियों का ड्रोन सर्वे हो चुका है। अब इन कालोनियों का ले आउट प्लान तैयार किया जा रहा है। जिसे वरिष्ठ योजनाकार के माध्यम से निदेशालय को भेजा जाएगा। वहां से अवैध कालोनियों को वैध कराने की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे उन लोगों में उम्मीद जग गई है। जो लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में इन कालोनियों में रह रहे हैं। ड्रोन सर्वे में करीब 250 अनाधिकृत कालोनियां चिह्नित हुई है। वर्ष-2018 में भी अनाधिकृत कालोनियों का सर्वे किया गया था। इस सर्वे के मुताबिक 171 कालोनियां अवैध थी। इनमें से 69 कालोनियों को दो वर्ष पहले ही नियमित कर दिया गया था। 36 कालोनियां रह गई थी, लेकिन इसके बाद भी अवैध कालोनियां विकसित होती रही। यमुनानगर-जगाधरी के साथ-साथ रादौर, छछरौली, बूड़िया, छप्पर मंसूरपुर व सरस्वतीनगर में भी अवैध कालोनी कट गई। यहां पर कुकरमुत्ते की तरह से अवैध कालोनियां विकसित होती गई। हालांकि जिला नगर योजनाकार विभाग की ओर से कुछ जगहों पर कार्रवाई की गई और निर्माण गिराया गया। कुछ ऐसे भी लोगों के मकान व प्रतिष्ठान इस कार्रवाई की जद में आ गए। जिन्होंने सस्ते के लालच में यहां पर प्लाट खरीदे और गाढ़ी कमाई से मकान बनाए। हर कालोनी को लिया गया सर्वे में :
ड्रोन सर्वे में हर कालोनी को लिया गया है। इसमें उन कालोनियों को भी लिया गया है। जहां पर इक्का दुक्का ही मकान बने हैं। कुछ कालोनियों का रिकार्ड नहीं मिल रहा था। उनका भी निगम से रिकार्ड लेकर सर्वे कराया गया। बढ़ रही अवैध कालोनियों की संख्या :
निगम क्षेत्र में धड़ाधड़ कालोनियां कट रही हैं। खासतौर पर निगम में शामिल हुए गांवों में इनकी संख्या ज्यादा हैं। लोगों ने यहां प्लाट लेकर मकान तो बना लिए, लेकिन उनको सड़कें, सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाई। निगम क्षेत्र में ऐसी कालोनियों की संख्या कम नहीं हैं, जो 25-30 वर्ष से बसी हुई हैं। इनमें मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। सड़कें कच्ची पड़ी हैं। पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं हैं। हालांकि निगम इनसे टैक्स भी ले रहा है। 100 कालोनियों का लेआउट प्लान तैयार किया : जिला नगर योजनाकार देशराज पचीसिया ने बताया कि अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिए ड्रोन सर्वे हो चुका है। इन कालोनियों का लेआउट प्लान तैयार किया जा रहा है। अभी तक 100 कालोनियों का लेआउट प्लान तैयार किया गया है। इसे मुख्यालय भेजा गया है।