शहर की हवा प्रदूषण के चलते जहरीली हो रही है। इस हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारकर है। बुधवार को यहां वायु प्रदूषण एनसीआर से भी खराब श्रेणी में रहा। दिल्ली में एक्यूआई शाम पांच बजे 323 था तो यमुनानगर में 396। प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से पंचायत भवन पर लगाए यंत्र के अनुसार शाम चार बजकर 37 मिनट पर एक्यूआई 402 था। यानी कि 400 पार जा चुका था। जिसके अनुसार इस हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद खराब है।
लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के पीछे जहां हर कोई किसानों को जिम्मेदार ठहरा देता है, लेकिन सरकारी तंत्र भी कम जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि शहर में नगर निगम का कूड़ा, सिंचाई विभाग का कूड़ा और आईटीआई में पेड़ों की काटी टहानियों में आग लगाई जा रही है। किसानों के खेतों में तरह-तरह से मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन सरकारी जमीनों पर जल रहे कूड़े की मॉनिटरिंग कोई नहीं कर रहा। बता दें कि शहर में सड़कें टूटी पड़ी हैं। इसकी वजह से भी प्रदूषण बढ़ा हुआ है। प्रदूषण से आंखों में जलन की समस्या सामने आई।
एक्यूआई काे ऐसे समझें
एक्यूआई – श्रेणी
0 से 50 – बहुत अच्छी
51 से 100 – संताेषजनक
101 से 200 – मध्यम(अस्थमा व लंग्स जैसी बीमारियों वाले सेंसिटिव ग्रुप के लिए दुष्कर)
201 से 300 – खराब
301 से 400 – बेहद खराब
401से 500 – खतरनाक
लापरवाही – एक हफ्ते में कई जगह जलाया गया कूड़ा
3 नवंबर काे नगर निगम ऑफिस से करीब एक किलोमीटर दूर शहर यमुनानगर थाना के पास कूड़े के ढेर में आग लगाई गई। शनिवार काे पुराना हमीदा में हमीदा हेड पर पश्चिमी यमुना नहर किनारे सिंचाई विभाग के कर्मचारी पॉलीथिन को एक जगह एकत्रित कर रहे थे। उन्होंने एक जगह एकत्रित कर पॉलीथिन में आग लगा दी। पर्यावरण मित्र चिराग सिंघल ने जब उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे तो कोई जवाब नहीं दे पाए। प्रदूषण फैलाने पर इन पर कोई एक्शन नहीं हुआ ।
बुधवार काे सरकारी आईटीआई में पेड़ों की टहनियां काटी गई। उन्हें आईटीआई के मैदान की दीवार के पास डाल दिया गया। उनमें बुधवार को आग लगा दी। धुआं प्रिंसिपल के रूम तक और बाहर सड़क पर आ रहा था, लेकिन सरकारी तंत्र को यहां पर लगी आग नजर नहीं आई। कार्यवाहक प्रिंसिपल का कहना है कि हो सकता है कि सफाई कर्मचारियों ने आग लगा दी होगी। इसे चेक कराया जाएगा।
किसानों पर सरकारी तंत्र की नजर, लाखों का जुर्माना
कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर प्रदीप मिल ने बताया कि यमुनानगर जिले में अभी तक 116 किसानों द्वारा पराली जलाने की पुष्टि हुई है। इन पर 2.95 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। फसल अवशेष जलाने वालों पर नियमानुसार एक्शन लिया जा रहा है।