लंगर हाल बनाने व धर्म के नाम पर पैसा एकत्र कर व्यापार में लगाने का आरोप, डेरा फर्कपुर के संचालक समेत 11 पर केस

यमुनानगर : लंगर हाल बनाने व धर्म के नाम पर लोगों से पैसा एकत्र किया जा रहा है। यह पैसा एकत्र करने का आरोप डेरा फर्कपुर के कंवरपाल ब्रहमचारी व रविद्र प्रधान पर लगा है। आरोप यह भी है कि यह लोग चंदे का पैसा अपने व्यापार में लगा रहे हैं। यदि कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे पिटवाते हैं। इस मामले में करेहड़ा खुर्द निवासी प्रदीप कुमार ने शिकायत दी है। आरोप है कि कंवरपाल ब्रहमचारी व रविद्र अपने सेवादारों के साथ मिलकर लोगों के साथ मारपीट करते हैं। उन्हें भी धमकियां दी जा रही है। मामले में पुलिस ने आरोपित कंवरपाल सिंह, जगाधरी निवासी प्रधान रविद्र, धनी राम टोपरा, प्रदीप रोड छप्पर, खजूरी निवासी कर्मवीर, गुमथला निवासी अनिल कुमार, भागू माजरा निवासी मेहर चंद, कैंप निवासी हरीश कलशन, अहलुवाला निवासी रविद्र कुमार, पांजूपुर निवासी महेंद्र व रमेश कुमार पर केस दर्ज किया है। वहीं उक्त आरोपितों ने आरोपों को निराधार बताया है। पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, करेहड़ा खुर्द निवासी प्रदीप कुमार सामाजिक कार्यकर्ता हैं। आरोप है कि कंवरपाल ब्रहमचारी डेरा फर्कपुर व प्रधान रविद्र आपस में रिश्तेदार हैं और लोगों को झूठे प्रोत्साहन देकर जाल में फंसाते हैं। धर्म के नाम पर पैसा एकत्र कर अपने निजी व्यापार में लगाते हैं। यदि कोई उनके खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे गुंडों से पिटवा दिया जाता है या गलत इल्जाम लगवा दिया जाता है। आरोप है कि इनके सेवादार हिदू देवी देवताओं पर गलत टिप्पणी करते हैं। रविद्र प्रधान व कंवरपाल ने आपस में मिलकर लोगों को कहा कि उन्हें लंगर हाल के लिए जमीन खरीदनी है और छह हजार रुपये प्रति वर्ग गज की बात हो गई है। इसके नाम पर इन्होंने काफी लोगों से पैसे एकत्र किए। प्रदीप कुमार ने भी उनकी बातों में आकर 40 हजार रुपये जगह के लिए दान में दिए। आरोप है कि इन लोगों ने लंगर हाल के लिए जमीन नहीं खरीदी और एकत्र किया पैसा अपने व्यापार में लगा दिया। आरोपित पहले भी कर चुके इस तरह की ठगी

प्रदीप ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आरोपित इससे पहले उत्तर प्रदेश के समनदास महाराज से 30 हजार रुपये की पर्ची काट चुके हैं। जब उसने आवाज उठाई, तो उस पर जोडियो में हमला करा दिया। इसी तरह से एक सेवादार पृथ्वी ने आवाज उठाई, तो उसे भी पिटवाया गया। जिस आश्रम में यह लोग रहते हैं। वह समनदास महाराज की संपत्ति है। वह दूसरे संगठनों से मिलीभगत कर अपने नाम रजिस्टर्ड करा ली, जबकि समनदास महाराज की अनुमति के बिना यह संस्था रजिस्टर्ड नहीं हो सकती। अब यह लोग इंटरनेशनल स्कूल बनवाने के नाम पर लाखों रुपये लोगों से चंदे के नाम पर एकत्र कर रहे हैं। इस पैसे को भी आरोपित अपने व्यापार में लगाएंगे।

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