जगाधरी : अष्टमी पर श्रद्धालुओं ने माता के अष्टम रूप महागौरी की अराधना कर घरों में कंजक पूजन किया। इस दौरान विधिवत रूप से बालिकाओं के पैर धोकर, तिलक लगाकर व मौली बांधकर उन्हें हलवा, पूरी, चने, नारियल आदि का भोग लगाया। शहर के प्राचीन मंदिर देवी भवन बाजार में आस्था का सैलाब उमड़ा नजर आया। जगाधरी के अलावा दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने माता मनसा देवी की पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगी। सुबह चार बजे शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा। मंदिर के बाहर मेला जैसा माहौल रहा। जिसमें बच्चों को खिलौने व अन्य सामान खरीदते देखा गया। मंदिर के पूजारी पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि सुबह चार बजे माता मनसा देवी का विधिवत रूप से श्रृंगार किया गया। पूजा अर्चना व आरती के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया। अष्टमी पर शहर अलावा दूर दराज से हजारों लोग माता के दर्शन के लिए आते है। जो माता को हलवा-पूरी का भोग लगाने के बाद विधिवत रूप से पूजा अर्चना करते है। उन्होंने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वांलंटियर्स व पुलिस को तैनात किया गया। श्रद्धालुओं को लाइनों में लगाकर दर्शन के लिए भेजा गया। घरों व मंदिर में हुआ कंजक पूजन
अष्टमी पर देवी भवन मंदिर में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने कंजक पूजन भी किया। वहीं घरों में कंजक पूजन के लिए मारामारी देखी गई। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं ने मौहल्ले पड़ोस के घरों से कंजकों को एकत्रित कर उनका पूजन किया। पैर धोने के बाद उन्हें भोजन ग्रहण करवाया जाता है। प्रसाद के तौर पर उन्हें हलवा, पूड़ी, नारियल, चने आदि का भोग लगाया गया। शास्त्रों में मान्यता है कि अष्टमी पर कंजक पूजन मां भगवती के विभिन्न रूपों का प्रतीक होती है। सच्चे भाव से कंजक पूजन करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है।