NSE Scam: सीबीआई ने को-लोकेशन घोटाला मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले शनिवार को, दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई को-लोकेशन मामले में रामकृष्ण की गिरफ्तारी से पहले की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि एनएसई के पूर्व प्रमुख पर कथित तौर पर ‘हिमालय में रहने वाले योगी’ के साथ एक्सचेंज के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए जांच चल रही है।
कौन हैं चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम? (Who is chitra ramkrishna and anand subramanian?)
चित्रा रामकृष्ण साल 2013 से लेकर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सीईओ और एमडी रहीं। 2013 में उन्हें सीईओ पद सौंप दिया गया। हालांकि, 2016 में उन्हें पद के गलत इस्तेमाल और एक घोटाले से नाम जुड़ने के बाद एनएसई से निकाल दिया गया था। चित्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाम के दौरान कई ऐसे फैसले लिए, जो कि शेयर बाजार के हित से नहीं जुड़ा था। इनमें एक फैसला था आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति का, जिनके लिए चित्रा ने एनएसई में अधिकारी स्तर का पद तैयार किया था। साथ ही चित्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान हर बार आनंद सुब्रमण्यम को प्रमोशन दिया। आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में शामिल होने से पहले बामर एंड लॉरी नाम की एक कंपनी में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी केवल 15 लाख रुपये सालाना थी और शेयर बाजार और उससे संबंधित काम का कोई अनुभव नहीं था। बावजूद आंनद सुब्रमण्यम को 1.68 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज दिया गया।
हिमालय पर बैठे ‘योगी’ के आदेश पर चल रहा था NSE?
चित्रा रामकृष्ण कई सालों से अपने महत्वपूर्ण कारोबारी फैसलों में एक बाबा से सलाह ले रही थीं। एक ऐसा बाबा (योगी), जो हिमालय में रहता था और तीन वेदों के नाम वाली एक मेल आईडी का इस्तेमाल करता था। यह बाबा मेल पर रामकृष्ण को निर्देश देता था और फैसले हो जाते थे। खास बात यह है कि रामकृष्ण इस योगी से कभी मिली ही नहीं, लेकिन वह करीब 20 वर्षों से इस योगी से मेल पर बातचीत कर रही थीं। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपए, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा एनएसई को कोई भी नया प्रोडक्ट पेश करने से छह महीने के लिये रोक दिया।साथ ही इसे 6 महीने तक पैसा जुटाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था