नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। महंगाई फिर बढ़ गई है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश का रिटेल इन्फ्लेशन मार्च में 6.95 फीसद रहा है। यह बढ़ोतरी खाने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण हुई। फरवरी में यह आंकड़ा 6.07 फीसद था। महंगाई का आकलन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से होता है। खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 7.68% हो गई। जबकि इससे पहले यह 5.85% पर थी।
लगातार तीसरे महीने रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति की दर के अनुमान से ऊपर
पाम तेल की कीमतों में इस साल लगभग 50% की वृद्धि
दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले वनस्पति तेल पाम तेल की कीमतों (Palm Oil Prices) में इस साल लगभग 50% की वृद्धि हुई है। खाद्य कीमतों में वृद्धि से सबसे ज्यादा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं, जो पहले से ही Covid महामारी के कारण नौकरियों से हाथ धो चुके हैं।
इस बीच, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) फरवरी में 1.7% बढ़ा, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 1.3% था। पिछले साल दिसंबर में आईआईपी ग्रोथ 10 महीने के निचले स्तर 0.4 फीसदी पर आ गई थी। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बीते हफ्ते अपनी मौद्रिक नीति की पहली समीक्षा में महंगाई के अनुमान को बदल दिया है। उसके मुताबिक रूस-यूक्रेन लड़ाई बड़ा प्रभाव डाल रही है। इसस कच्चे तेल, पाम ऑयल और दूसरे सामान की सप्लाई पर असर पड़ा है। कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं और यह वैश्विक इकोनॉमी के लिए खतरनाक स्थिति है।