भारत टॉप 6 की लिस्ट में
इस लिहाज से भारत बाजार का मार्केट कैप छठें नंबर पर है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय बाजार ब्रिटेन के शेयर मार्केट से आगे निकला हो। पिछले महीने में यूक्रेन और रूस के बीच लड़ाई शुरु होने के बाद से भारतीय बाजार के मार्केट कैप में करीब 357.05 अरब डॉलर की गिरावट आई है जबकि 1 फरवरी से अब तक ब्रिटिश मार्केट में 410 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है।
अमेरिका पहले नंबर पर
फिलहाल 46.01 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप के साथ अमेरिका का शेयर बाजार दुनिया में पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 11.31 लाख करोड़ डॉलर मार्केट कैप के साथ चीन का बाजार है। जापान इस मामले में तीसरे नंबर पर आता है। इस बाजार में लिस्टेड कंपनियों का वैल्यूएशन 5.78 लाख करोड़ डॉलर है। 5.50 लाख करोड़ डॉलर मार्केट कैप के साथ हॉगकॉग चौथे नंबर और 3.25 लाख करोड़ डॉलर मार्केट कैप के साथ सऊदी अरब पांचवें नंबर पर है।
सऊदी अरब पांचवें नंबर पर
सऊदी अरब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यात देश है। कच्चे तेल की कीमतों में वर्तमान जियोपॉलिटिकल तनाव के बीच सऊदी अरब को भारी फायदा हुआ है। इससे यहां की कंपनियों के मार्केट कैप में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 1 महीने में सऊदी अरब के मार्केट कैप में करीब 442 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
तीन दिनों से बाजार में तेजी
वैसे पिछले तीन दिनों से दुनिया भर के शेयर बाजारों में तेजी दिख रही है। मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 581 अंक, बुधवार को 1,223 और गुरुवार को यह 817 पॉइंट्स की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसी तरह से दुनिया के अन्य बाजारों में भी रिकवरी दिख रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) की तरफ से रूस से समझौते के संकेत मिल रहे हैं।
साथ ही बाजार को क्रूड की कीमतों में नरमी आने से भी राहत मिली है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन और क्रूड की नरमी ने बाजार में गुरुवार को सुबह जबरदस्त तेजी दिखाई। इस हफ्ते अब तक निफ्टी और सेंसेक्स करीबन 4% बढ़े हैं।