नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Coal India Ltd के बाद घर की बिजली पर भी महंगाई की मार पड़ सकती है। इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिजली संयंत्रों को कोयले की धीमी आपूर्ति और ऊंची कीमतों पर इसका आयात बिजली दरों पर दबाव बना रहा है। इक्रा ने कहा कि पिछले छह महीने से कोयले की आपूर्ति स्लो है। दूसरी तरफ बिजली क्षेत्र के लिए कोयला आयात निर्भरता मामूली रूप से बढ़ने की उम्मीद है।
स्लो सप्लाई से Discoms
र दबाव पड़ेगाICRA की कॉरपोरेट रेटिंग्स के को ग्रुप हेड गिरीशकुमार कदम ने कहा कि कोयले की स्लो सप्लाई से बिड आधारित प्रोजेक्ट्स और Discoms पर दबाव पड़ेगा। पावर सेक्टर के लिए आउटलुक निगेटिव है। बता दें कि 26 मार्च को बिजली मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें बिजली क्षेत्र के लिए घरेलू स्तर पर कोयले की सप्लाई आनुपातिक आधार पर सुचारु रखने की बात है। यह सप्लाई Coal India Ltd और Singareni Collieries Company Ltd (SCCL) से हो रही है।
कोयले का उत्पादन अधिकतम करने का निर्देश
इस एडवाइजरी में जरूरी बात दोनों कंपनियों से कोयले का उत्पादन अधिकतम करने का निर्देश है। साथ ही पारंपरिक ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने की बात भी कही गई है ताकि कोयले पर निर्भरता कम हो। दिसंबर 2021 में मंत्रालय ने सरकारी और प्राइवेट कोयला कंपनियों से कोयला जरूरतों को पूरा करने के लिए कहा था। थर्मल बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का भंडारण 9 दिन का ही बना हुआ है। यह स्थिति 28 मार्च की है। 30 नवंबर को भी यही हाल रहा था।
कोयले के आयात में गिरावट आई
Icra ने कहा कि कोयले के आयात में गिरावट आई है। यह वित्त वर्ष 2021 के 8 फीसद के मुकाबले अप्रैल-फरवरी 2021-22 में 4 फीसद पर आ गई है। इसके उल्ट बीते 12 महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतों में भारी उछाल आया है। (पीटीआइ इनपुट के साथ)