देश में सामान्य एटीएम मशीन के मुकाबले माइक्रो एटीएम का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक माइक्रो एटीएम डिवाइस की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। मई 2020 में इनकी संख्या करीब 2,38,810 थी, जो फरवरी 2022 में बढ़कर 7,15,516 तक पहुंच गई। इसी के साथ इनके उपयोग से रुपये की निकासी और भुगतान भी दोगुना हो गया है।
वहीं, सामान्य आकार की एटीएम की संख्या में मामूली बढ़ोतरी ही हुई है। मई 2020 में 2,10,415 सामान्य एटीएम काम कर रही थीं। वहीं, फरवरी 2022 में 19 फीसदी बढ़ोतरी के साथ यह आंकड़ा 2,50,091 तक ही पहुंच पाया है।
माइक्रो एटीएम से निकासी दोगुनी
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक उपयोगविशेषज्ञों के कहना है कि कोरोना महामारी, लॉकडाउन और समिति गतिविधियों के चलते माइक्रो एटीएम के उपयोग में वृद्धि देखने को मिल रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इस सुविधा को लोगों ने हाथों-हाथ लिया है।
कारण है कि यहां सामान्य एटीएम आसानी से उपलब्ध नहीं है। यही नहीं कई लोगों के पास डेबिट कार्ड तक नहीं हैं और जिनके पास हैं भी, वो इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना नहीं जानते। माइक्रो एटीएम में सिर्फ आधार नंबर की जरूरत होती, जिनकी मदद से रुपये का लेनदेन आसान हो गया है।
क्या है माइक्रो एटीएम
माइक्रो एटीएम मशीन दुकानों पर उपलब्ध स्वाइप मशीन मशीन की तरह होती है। यह उन इलाकों में कारगर साबित होती है, जहां सामान्य एटीएम मशीन उपलब्ध नहीं होती। इसके छोटे आकार के कारण, इसे बैंक अधिकारी या अधिकृत डीलर दूर-दराज के क्षेत्रों में ले जा सकते हैं। माइक्रो एटीएम में आधार नंबर दर्ज करने और अंगूठे या उंगली से पहचान सत्यापित होने के बाद, भुगतान संभव हो पाता है।
इसके फायदे
- लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, बैंक डिटेल्स की आवश्यकता नहीं। केवल आधार कार्ड की जरूरत होती है।
- घर बैठे कहीं भी बैंकिंग सेवा का लाभ ले सकते हैं। एक बैंक से दूसरे में पैसे भेज सकते हैं।
- दूरदराज क्षेत्रों में माइक्रो एटीएम की सहायता से लेनदेन कर सकते है।