पेटीएम पेमेंट्स बैंक अब नए ग्राहकों को नहीं जोड़ सकेगा। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस पर रोक लगाने के आदेश दिए। RBI ने बैंक को IT सिस्टम ऑडिट (comprehensive System Audit) के लिए ऑडिट फर्म अपॉइंट करने के लिए भी कहा है।
IT ऑडिटर्स की रिपोर्ट देखने के बाद RBI यह तय करेगा की पेटीएम को नए ग्राहकों को जोड़ने की अनुमति देना है या नहीं। RBI ने मटेरियल सुपरवाइजरी से जुड़ी चिंताओं के आधार पर ये रोक लगाई है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35A के तहत यह कार्रवाई की गई है।
सेक्शन 35A नियामक को किसी भी बैंकिंग कंपनी के ऐसे कामों को रोकने की अनुमति देता है जो जमाकर्ताओं के हित के लिए हानिकारक हो। एक पेमेंट बैंक अपने ग्राहकों से जमा राशि एकत्र कर सकता है। हालांकि, इसे अपनी बैलेंस शीट से लोन की अनुमति नहीं है।
दूसरी बार RBI ने बरती सख्ती
यह दूसरी बार है जब नियामक ने पेमेंट्स बैंक के खिलाफ सख्ती बरती है। अगस्त 2018 में, RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी। उस समय नियामक ने नो योर कस्टमर नॉर्म्स के उल्लंघन का हवाला दिया था।
दिसंबर में 92.6 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन
पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने बीते दिनों बताया था कि उसने दिसंबर में 92.6 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन किए, जो इस मील के पत्थर को हासिल करने वाला देश का पहला बैंक है।
अक्टूबर से दिसंबर 2021 तिमाही में, पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने 159.85% की ग्रोथ के साथ 250.74 करोड़ बेनिफिशियरी ट्रांजैक्शन रजिस्टर किए। एक साल पहले की समान तिमाही में ये संख्या 96.45 करोड़ थी।
पेटीएम के पास 6 करोड़ बैंक अकाउंट
पेटीएम की वेबसाइट के अनुसार उसके पास 30 करोड़ से ज्यादा वॉलेट और 6 करोड़ बैंक अकाउंट हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक अपने ग्राहकों को जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट, स्पेंड एनालिटिक्स, डिजिटल पासबुक, वर्चुअल डेबिट कार्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, मनी ट्रांसफर की सुविधा देता है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के फायदे
- पेपर वर्क और अकाउंट ओपनिंग की जरूरत नहीं।
- कोई मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं पड़ती।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण इस्तेमाल में आसानी।
- 24X7 पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज की सुविधा।
अरुण जेटली ने किया था पेमेंट्स बैंक का इनॉगरेशन
2017 में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक का इनॉगरेशन किया था। इसके चेयरमैन विजय शेखर शर्मा है। पेटीएम ने अपनी पहली ब्रांच नोएडा में खोली और सेविंग अकाउंट की शुरुआत की। IMPS, NEFT, RTGS, UPI, FASTAG और नेटबैंकिंग की सुविधा दी।
2018 में फिजिकल डेबिट कार्ड लॉन्च किया और DMT, नोडल अकाउंट और NACH की शुरुआत की। 2019 में करंट अकाउंट की भी सुविधा देना शुरू किया। 2020 से पेटीएम पेमेंट्स बैंक में वीडियो KYC की सुविधा मिलने लगी। बैंक ने ऑन डिमांड FD की भी शुरुआत की।
2021 में बैंक ने मास्टरकार्ड DC, NCMC, प्रीपेड कार्ड लॉन्च किया। इसे दिसंबर 2021 में शेड्यूल्ड पेमेंट बैंक के रूप में काम करने के लिए RBI की मंजूरी भी मिली थी, जिससे उसे अपने फाइनेंशियल सर्विसेज के ऑपरेशन का विस्तार करने में मदद मिली।