नई दिल्ली। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना उतना ही जरूरी है, जितना की आपके पास आपका पहचान पत्र। जी हां, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से ही गाड़ी के असली मालिक और व्हीकल्स की डिटेल्स मिल पाती है। इसके बगैर यात्रा करना गैर कानूनी है। अगर आप कोई पुरानी गाड़ी खरीद रहे हैं या किसी को बेच रहे हैं, तो उस समय आरसी ट्रांसफर कराने की प्रक्रिया भी जरूर पूरी कर लें, वरना आपका चालान कट सकता है। आरसी ट्रांसफर करवाना बहुत ही आसान है। अगर आपको इस बारे में नहीं पता तो आइए आपको बताते हैं कि देश में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को ट्रांसफर कराने की पूरी प्रक्रिया क्या है?
आरसी ट्रांसफर की प्रक्रिया हर क्षेत्र के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में आयोजित की जाती है। सफल पंजीकरण होने के बाद बड़ी आसानी से आरसी ट्रांसफर हो जाती है। कई ऐसे प्लेटफार्म हैं, जहां पर विक्रेता और क्रेता बिना किसी डीलर के आपस में डील कर वाहन खरीद लेते हैं और आरसी ट्रांसफर नहीं करवाते हैं, जो कि बहुत ही गलत है। मान लीजिए कि आरसी ट्रांसफर किए बिना आप वाहन बेच देते हैं और उस व्यक्ति का एक्सीडेंट हो जाता है, तो ऐसी में वाहन मालिक इसका जिम्मेदार होता है, उसी व्यक्ति से चालान वसूला जाता है।इसलिए, आरसी ट्रांसफर कराना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
स्टेट ट्रांसफर प्रक्रिया
भारत में आरसी ट्रांसफर प्रक्रिया को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है– राज्य के भीतर और राज्य के बाहर। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया के लिए मुख्य संगठन है, जिनसे सम्पर्क करना होता है। कुछ भारतीय राज्य आरटीओ से संपर्क करने और वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए ऑनलाइन सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। सामान्य रूप से इस प्रक्रिया में विशिष्ट फॉर्म भरना और आवश्यक दस्तावेज जमा करना होता है, जिसके पश्चात वाहन हस्तांतरण की कार्यवाई आरम्भ हो जाती है।
स्टेट टू स्टेट ट्रांसफर प्रक्रिया
टू-व्हीलर / फोर-व्हीलर ओनरशिप ट्रांसफर के लिए दोनों राज्यों में एक मजबूत और कार्यात्मक ऑनलाइन प्रक्रिया होनी चाहिए तभी ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए दो राज्य एवं दो आरटीओ शामिल होते हैं। वाहन पंजीकरण की लागत 600 रूपये निर्धारित किया गया है।
आवश्यक दस्तावेज
- अंतरराज्यीय आरसी (वाहन हस्तांतरण) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मालिक को विक्रेता को सक्रिय मोटर बीमा दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
- आरटीओ से प्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जहां वाहन मूल रूप से पंजीकृत था।
- फॉर्म 28
- कोई अपराध रिकॉर्ड प्रमाण पत्र नहीं
- रोड टैक्स की रसीद