कोरोना के कारण आम आदमी के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। अब लोग गैर-जरूरी वस्तुओं को छोड़कर स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं। कोरोना के महंगे इलाज और पारिवारिक आवश्यकताओं को देखते हुए लोगों ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर भी खर्च बढ़ाया है। पिछले साल बीमा लेने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में एक करोड़ से ज्यादा राशि का बीमा चुनने वाली महिलाओं की संख्या में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पढ़िए यह खास रिपोर्ट।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा में निवेश बढ़ा
दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश महिलाएं व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में निवेश कर रही हैं। जहां 62% महिलाओं ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना का विकल्प चुना, वहीं शेष 38% ने फैमिली फ्लोटर योजना में निवेश किया है। यह महिलाओं में स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता को दर्शाता है।
ज्यादा राशि का चयन करने वाली महिलाओं की संख्या 45% बढ़ी
पॉलिसी बाजार के वित्त वर्ष 2021-22 के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक करोड़ से ज्यादा की बीमा राशि का चुनाव करने वाली महिलाओं की संख्या में सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पॉलिसीबाजार पर आने वाली सभी महिला ग्राहकों में से 48% महिलाओं ने 1 करोड़ और उससे अधिक की बीमा राशि के साथ टर्म लाइफ कवर का विकल्प चुना, जबकि अन्य 30% ने 50 लाख और उससे अधिक रुपये के कवर में निवेश किया।
25-40 वर्ष की महिलाओं ने 45 प्रतिशत बीमा खरीदे
पॉलिसीबाजार के डाटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में 45% बीमा पॉलिसी 25-40 वर्ष की आयु वर्ग वाली महिलाओं द्वारा खरीदी गई। जबकि 40-55 वर्ष की आयु वर्ग में महिलाओं की 30% हिस्सेदारी रही।
20% महिलाएं स्वास्थ्य बीमा से कवर: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार पिछले वर्ष 20% महिलाओं को स्वास्थ्य बीमा के द्वारा कवर किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, केरल, सिक्किम और आंध्र प्रदेश में जीवन बीमा पॉलिसी लेने वाली महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। जबकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर इस सूची में सबसे नीचे हैं।
38% महिलाएं एक या अधिक पुरानी बीमारी से पीड़ित:सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 38% महिलाएं एक या अधिक बीमारी से पीड़ित हैं। जबकि पुरुषों की संख्या करीब 30% है। ऐसे में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य के साथ टर्म इंश्योरेंस भी एक प्राथमिक जरूरत है।