Indore News: दवाओं को छोड़ सभी कर योग्य वस्तुएं ई-वे बिल के दायरे में, मूल्य सीमा दोगुनी की

इंदौर, । वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी के अंतर्गत माल परिवहन पर लागू होने वाले ई-वे बिल के नियमों में बदलाव का एलान किया है। जीएसटी में कर योग्य वस्तुएं जिनका मूल्य एक लाख या इससे ज्यादा का होगा, वे ई-वे बिल के दायरे में आएंगी। अब तक 41 वस्तुएं और 50 हजार रुपये मूल्य पर ई-वे बिल लागू था। नए नियमों में मूल्य सीमा बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है, लेकिन सभी वस्तुओं को ई-वे बिल के दायरे में लाया गया है। सरकार ने दवाओं, तंबाखू व तंबाखू उत्पाद और पान मसाला को विशेष श्रेणी में रखा है। दवाओं के परिवहन पर ई-वे बिल लागू नहीं होगा, भले ही उनका मूल्य एक लाख रुपये से ज्यादा हो। इसी तरह पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर 50 हजार रुपये मूल्य पर भी ई-वे बिल लागू होगा। जीएसटी में हुए ये बदलाव 15 अप्रैल से लागू हो जाएंगे।

 

दिसंबर-2021 में ई-वे बिल को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से कारोबारी जगत में असंतोष था। नोटिफिकेशन में किराना श्रेणी में 15 से ज्यादा वस्तुओं के साथ सुपारी, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर, चाकलेट, पेंट, हार्डवेयर, सूखे मेवे, पैकिंग मटेरियल, क्राकरी, कास्मेटिक, धातुओं, रबर के आइटम के साथ स्क्रैप, कपड़े व प्लास्टिक को भी ई-वे बिल के दायरे में शामिल कर लिया था। इसके बाद ई-वे बिल की व्यवस्था में संशोधन को लेकर वाणिज्यिक कर विभाग ने पूरे प्रदेश में रायशुमारी शुरू कर दी थी। व्यापारियों ने ई-वे बिल की मूल्य सीमा बढ़ाने की मांग की थी। अब विभाग ने ई-वे बिल की मूल्य सीमा में बदलाव किया है। हालांकि तंबाखू और इसके उत्पादों को बदलाव से अलग रखा गया है, वहीं दवाओं के परिवहन को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है।

व्यापारियों ने की थी ई-वे बिल की मूल्य सीमा बढ़ाने की मांग

दिसंबर-2021 में ई-वे बिल को लेकर नया नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से कारोबारी जगत में असंतोष था। नोटिफिकेशन में किराना श्रेणी में 15 से ज्यादा वस्तुओं के साथ सुपारी, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर, चाकलेट, पेंट, हार्डवेयर, सूखे मेवे, पैकिंग मटेरियल, क्राकरी, कास्मेटिक, धातुओं, रबर के आइटम के साथ स्क्रैप, कपड़े व प्लास्टिक को भी ई-वे बिल के दायरे में शामिल कर लिया था। इसके बाद ई-वे बिल की व्यवस्था में संशोधन को लेकर वाणिज्यिक कर विभाग ने पूरे प्रदेश में रायशुमारी शुरू कर दी थी। व्यापारियों ने ई-वे बिल की मूल्य सीमा बढ़ाने की मांग की थी। अब विभाग ने ई-वे बिल की मूल्य सीमा में बदलाव किया है। हालांकि तंबाखू और इसके उत्पादों को बदलाव से अलग रखा गया है, वहीं दवाओं के परिवहन को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है।

 चोरी पर लगेगी लगाम

  • जीएसटी के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं पर अब ई-वे बिल लागू होगा। बिल की सीमा दोगुनी कर दी गई है। दवाओं पर यूं भी कर चोरी नहीं होती, इसलिए उन्हें मुक्त रखा गया है। तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों को टैक्स चोरी के लिहाज से संवेदनशील मानते हुए बड़ी हुई सीमा से अलग रखा गया है।

अश्विन लखोटिया, अध्यक्ष, मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन

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