नई दिल्ली। मोटर दुर्घटना के मामलों को निपटाने में अब आसानी होगी और तेजी भी आएगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मोटर वाहन दुर्घटना मामलों के लिए आनलाइन वेब पोर्टल तैयार किया गया है जिसमें मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित सारी जानकारियां एक जगह उपलब्ध होंगी और सभी संबंधित एजेंसियों को एक साथ अलर्ट भी मिल जाएगा। इनमें दुर्घटनास्थल की साइट मैपिंग केसाथ जियो टैगिंग होगी। 24 राज्यों के मोटर दुर्घटना से संबंधित आंकड़े इस पर अपलोड भी हो चुके हैं।
इससे मोटर वाहन दुर्घटना के फर्जी दावों पर भी अंकुश लगेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर उक्त जानकारी दी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने 31 मार्च को हुई सुनवाई में अपने आदेश में रिपोर्ट के अंश उद्धत भी किए। केंद्र ने अन्य पहलुओं पर काम करने के लिए कोर्ट से कुछ और समय मांगा है। कोर्ट मामले पर 21 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने बीमा कंपनियों और अन्य पक्षकारों से कहा है कि वे इस दौरान मोटर दुर्घटना मामलों को जल्द निपटाने के तरीकों पर विचार करें। कोर्ट मोटर वाहन दुर्घटना के मामले जल्द निपटाने से जुड़े एक केस की सुनवाई कर रहा था। पूर्व सुनवाई में कोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े सारे आंकड़े एक जगह उपलब्ध कराने के लिए जनरल इंश्योरेंस कारपोरेशन (जीआइसी) से एक एप तैयार करने को कहा था।
मोबाइल एप बनाने का काम शुरू
कोर्ट को सौंपी गई केंद्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि जीआइसी ने एक प्राइवेट डेवलपर की मदद से मोबाइल एप बनाने का काम शुरू किया है। केंद्र ने बताया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में मोटर वाहन दुर्घटना का एक वेबपोर्टल तैयार किया जा चुका है। इस वेबपोर्टल पर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर) का डिजिटलाइजेशन होगा।
पोर्टल पर ई-डीएआर उपलब्ध होगा जिसमें दुर्घटना संबंधी सारी जानकारियां होंगी। इस पर इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) उपलब्ध होगा। सभी संबंधित अथारिटीज जैसे पुलिस, अस्पताल, रोड अथारिटीज को हर तरह की छोटी-छोटी जानकारी भी ई-डीएआर में देनी होगी। ई-डीएआर एक तरह से आइआरएडी का विस्तार और ई-वर्जन होगा।
ड्राइवर के लाइसेंस से लेकर वाहन के पंजीकरण की जानकारी
दुर्घटनास्थल के साइट मैप के साथ होगी जियो टैगिंग
इस पोर्टल पर विभिन्न हितधारकों के लिए 19 फार्म हैं जिसमें पूरे देश के लिए एक समग्र इंफारमेशन फार्म इलेक्ट्रानिकली जेनरेट होगा जिसमें सारी जरूरी जानकारी होगी। इतना ही नहीं, दुर्घटनास्थल के साइट मैप के साथ जियो टैगिंग होगी जो जांच अधिकारी की दुर्घटना स्थल से दूरी भी बताएगी।
तत्काल अपलोड हो सकेगी जानकारी
मोबाइल फोन पर इंटरनेट की सुविधा के बगैर भी इस पर दस्तावेज, फोटो, दुर्घटनास्थल का वीडियो, क्षतिग्रस्त वाहन, घायल, पीडि़त और चश्मदीद की जानकारी तत्काल अपलोड हो सकेगी। इसके आउटपुट का विश्लेषण, मानिटरिंग और रिपोर्टिग डैशबोर्ड के जरिये होगी। इससे भविष्य में चीजों को समझने और भविष्य की नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
…ताकि रोकी जा सकें दुर्घटनाएं
इस पोर्टल के जरिये पुलिस के अलावा लोक निर्माण विभाग या स्थानीय निकाय के इंजीनियर को भी मोबाइल पर अलर्ट जाएगा जिससे संबंधित अधिकारी दुर्घटनास्थल का दौरा करके जांच कर सकेगा और सड़क की डिजायन या दुर्घटना के हाटस्पाट को चिह्नित करने में मदद मिलेगी ताकि भविष्य में उन स्थानों पर दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।