यमुनानगर के ईएसआई में बने कोविड अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने बंद कर दिया है। अस्पताल को बंद करने का कारण कोरोना केस कम होना बताया जा रहा है। शनिवार तक जिले में कोरोना के सक्रिय केस 15 थे। इनमें से सात लोगों को घर व आठ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिविल अस्पताल में चार बेड की व्यवस्था की गई है, ताकि आपात स्थिति में कोरोना महामारी से संक्रमित गंभीर मरीजों को इसमें भर्ती किया जा सके। कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. पूनम चौधरी ने बताया कि कोरोना के केस अभी बहुत कम हैं। भविष्य में जरूरत पड़ी तो अस्पताल को दोबारा शुरू कर देंगे।15 दिन से कोई मरीज भर्ती नहीं
ईएसआई अस्पताल में जो कोरोना अस्पताल बनाया गया था उसमें पिछले 15 दिन से एक भी मरीज भर्ती नहीं था। क्योंकि अब कोई ऐसा मरीज नहीं है जिसकी हालत ज्यादा खराब हो। अब स्वास्थ्य विभाग का ज्यादा जोर लोगों को उनके घर पर ही आइसोलेट करने का है। इसलिए आठ में से सात लोगों को उनके घर पर ही रखा गया है।1.57 करोड़ रुपये से लगा था ऑक्सीजन प्लांट
ईएसआई अस्पताल में 1.57 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। इस प्लांट से एक हजार लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट में तैयार होती है। यह प्लांट इस्जेक कंपनी व सरस्वती शुगर मिल की ओर से लगाया गया है। इसका शुभारंभ 20 नवंबर को शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने किया था। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की काफी कमी हो गई थी। अब ऑक्सीजन को लेकर किसी तरह की मारामारी नहीं है।
कोरोना के तीन नए केस मिले
डीसी पार्थ गुप्ता ने बताया कि शनिवार को जिले में कोरोना के तीन नए संक्रमित मिले हैं। जबकि चार लोग ठीक हो चुके हैं। जिले में कोविड-19 का रिकवरी रेट 98.46 प्रतिशत हो गया है। जिले में कुल आबादी का 50.87 प्रतिशत का कोरोना टेस्ट हो गया है। अब तक जिले में कुल 30,664 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 80 यमुनानगर के बाहर अन्य स्थानों के हैं। अब तक जिले में 30,194 कोरोना संक्रमित लोग ठीक हो चुके हैं। अब जिले में कोरोना के 15 सक्रिय मरीज हैं जिसमें से सात घर पर व आठ लोग अस्पताल मेें दाखिल हैं। अभी तक कुल 6 लाख 11 हजार 562 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 5 लाख 75 हजार 844 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जबकि 959 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। जिले में 189 एक्टिव माइक्रो कंटेनमेंट जोन हैं।