यमुनानगर शहर की एकता विहार कॉलोनी में एक बार फिर दो समुदायों में विवाद हो गया। दोनों तरफ से नारेबाजी हुई, जिससे माहौल गरमा गया। उप पुलिस अधीक्षक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। पुलिस ने प्रार्थना सभा व कीर्तन बंद करवा दिए।
हरियाणा के यमुनानगर शहर की एकता विहार कॉलोनी में दो समुदायों के बीच फिर विवाद हो गया। हिंदू पक्ष के लोगों का आरोप था कि चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान लाउडस्पीकर लगाकर शोर किया जाता है। जिससे लोगों को परेशानी होती है और वे अपने धार्मिक कार्यक्रम भी नहीं कर पाते। रविवार को भी लाउडस्पीकर लगाकर प्रार्थना सभा की जा रही थी।
तभी हिंदू पक्ष के लोगों ने भी कीर्तन शुरू कर दिया। जिसके बाद दोनों समुदायों में विवाद बढ़ गया। दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी। सूचना मिलने पर उप पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उप पुलिस अधीक्षक व हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान प्रार्थना सभा व कीर्तन बंद कराया गया। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
गांधी नगर थाना क्षेत्र की एकता विहार कॉलोनी में चर्च बना हुआ है। कुछ माह पहले भी हिंदू पक्ष के लोगों ने यहां हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। तब भी यहां कई दिन तक विवाद चला। जिसके बाद यहां रविवार को होने वाली प्रार्थना सभा बंद हो गई थी। अब हर रविवार को फिर से यहां प्रार्थना सभा होती है।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि प्रार्थना सभा में लाउडस्पीकर लगाकर शोर किया जाता है। कई बार चर्च के पादरी को इस संबंध में बोला गया। लेकिन वह उनकी सुन नहीं रहे हैं। रविवार को भी चर्च में प्रार्थना हो रही थी। जिसमें काफी लोग आए हुए थे। आरोप है कि लाउड स्पीकर लगाकर अधिक आवाज में प्रार्थना सभा की जा रही थी।
इसके विरोध में ही हिंदू संगठनों के पदाधिकारी व हिंदू महिलाएं यहां पहुंची। उन्होंने यहां कीर्तन शुरू कर दिया। जिसके बाद विवाद बढ़ गया। दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी। मामला बढ़ने पर उप पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र, फर्कपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह व गांधीनगर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
लेकिन दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। हिंदू पक्ष के लोगों ने विरोध में पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने चर्च में पहुंचकर प्रार्थना बंद कराई। हालांकि इसको लेकर पादरी और अन्य लोगों ने विरोध कर दिया। जिस पर पुलिस ने पादरी को हिरासत में लिया गया। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इसके बाद पुलिस ने कीर्तन भी बंद करवा दिया।
कॉलोनी में मौत होने पर भी नहीं बंद होता लाउड स्पीकर
पंडित उदयवीर शास्त्री और भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष विक्रम राणा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण चर्च को बंद कर दिया गया था। लेकिन बिना अनुमति के चर्च फिर से खोल दिया गया। कॉलोनी में एक या दो ही घर ईसाई मत के लोगों का है। चर्च में बाहर के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। जो चर्च के अंदर लाउड स्पीकर लगाकर उसे तेज आवाज में बजाते हैं।
कॉलोनी में यदि किसी व्यक्ति की मौत भी हो जाए तो चर्च के लाउड स्पीकर को बंद नहीं किया जाता। पुलिस ने इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को थाने में बुलाया था, लेकिन हिंदू संगठनों के लोग ही थाने में पहुंचे। दूसरे पक्ष से कोई नहीं पहुंचा था।
बिना लाउडस्पीकर प्रार्थना सभा कर रहे थे, बेवजह बनाया मुद्दा
उधर चर्च के पादरी ललित मोहन व ईसाई मत के कृष्ण, जोगेंद्र आदि का कहना है कि वे चर्च के अंदर शांति से प्रार्थना सभा करते हैं। यदि लाउडस्पीकर लगाया जाता है तो उसकी आवाज चर्च के अंदर तक ही सीमित रहती है। रविवार को भी वे चर्च में बिना लाउडस्पीकर लगाए प्रार्थना कर रहे थे। तभी हिंदू पक्ष के लोगों ने आकर विरोध शुरू किया। बेवजह इसे मुद्दा बनाकर विवाद किया जा रहा है। उनकी तरफ से किसी का जबरन धर्मांतरण भी नहीं किया जाता। अपनी इच्छा से लोग उनके धर्म में शामिल होते हैं।
उप पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र का कहना है कि चर्च में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर विरोध था। दोनों पक्षों को बुलाकर समझा दिया गया है। दोनों पक्ष अब शांत है। कॉलोनी में किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं है।