मंडल आयुक्त रेनू एस फुलिया ने निजी स्कूल फार्म नंबर छह के अनुसार ही विद्यार्थियों से फीस वसूल कर सकेंगे। ज्यादा फीस लेने वाले स्कूलों पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोरोना संक्रमण के दौरान में ऐसे विद्यार्थी जिनके अभिभावकों का देहांत हो गया है ऐसे विद्यार्थियों का मानवता के आधार पर निजी स्कूल दाखिला करें। ट्यूशन फीस में छूट करें।आयुक्त शुक्रवार को जिला सचिवालय के सभागार में स्कूल संचालकों, अभिभावक एसोसिएशन की बैठक में बोल रही थीं। अभिभावक एसोसिएशन की समस्याओं पर आयुक्त ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक निजी स्कूल संबंधी फैसले में कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान भी स्कूल संचालक बच्चों से फीस वसूल कर सकते हैं। परंतु उन्हें फार्म छह के अनुसार ही फीस वसूल करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि फार्म छह से अलग यदि कोई स्कूल फीस वसूल करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए कि वे इसकी जांच करें और ऐसे स्कूलों का चयन करें जो अधिक फीस वसूल करते हैं।इस दौरान एडीसी रणजीत कौर भी उपस्थित रहीं। डीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी को ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
यह स्कूल वसूल रहे अतिरिक्त शुल्क
कोरोना के दौरान तीन स्कूल ऐसे पाए गए जो कि फार्म छह से अधिक फीस वसूल कर रहे हैं। इन स्कूलों के खिलाफ डीसी पार्थ गुप्ता ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुकुंद लाल पब्लिक स्कूल डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर फार्म छह से अतिरिक्त चार हजार रुपये वार्षिक अधिक वसूल रहा है। आईडी कार्ड के नाम पर 100 रुपये प्रति विद्यार्थी लिए जा रहे हैं जो कि गलत है। इसी प्रकार एसडी पब्लिक स्कूल जगाधरी कंप्यूटर फीस के नाम पर 150 रुपये, परीक्षा चार्ज 1000 रुपये, स्मार्ट क्लास रूम के नाम पर 900 रुपये व अतिरिक्त खर्चे के नाम पर 900 रुपये प्रति विद्यार्थी वसूले जा रहे हैं। इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जगाधरी द्वारा भी वार्षिक शुल्क चार्ज के नाम पर 1900 रुपये से 8750 रुपये वसूले जा रहे है, जो कि नियम के विपरीत है।