भ्रष्टाचार में संलिप्त नगर निगम के एसई दीपक किंगर से पांच दिन के रिमांड के दौरान रिश्वत में ली गई 17 लाख रुपए की राशि बरामद की गई है। बुधवार काे कोर्ट में पेश करके आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में रिश्वत देने वाले ठेकेदार और जेई भी जांच के दायरे में आए हैं। पुलिस की जांच जारी है। रिश्वत देने में निष्पक्ष जांच और निष्पक्ष गवाही हुई तो भ्रष्टाचार की चैन को उजागर किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि नगर निगम में विकास कार्यों के बिलों पर कमीशन फिक्स है। कई अधिकारियों के पास रिश्वत जा रही है।
इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए करनाल पुलिस जांच कर रही है। नगर निगम में भ्रष्टाचार की 33 वीडियो बनी हुई हैं। प्रत्येक विडियो में 20 हजार से लेकर 80 हजार रुपए तक लेन-देन दिखाई दे रहा है। आरोपी दीपक किंगर भी 19 वीडियो में पैसे लेता नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट में आया है कि इस तरह का लेन-देन पर्सनल तौर पर लेन-देन नहीं लगता है। इसकी गंभीरता से जांच हो तो भ्रष्टाचार में और भी लोग फंस सकते हैं। रिमांड के दौरान आरोपी के बैंक खाते से 9.50 लाख रुपए, किराए के मकान से 50 हजार रुपए और घर के बेड से 7 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। आरोपी ने माना है कि यह राशि उसकी रिश्वत की है। पुलिस की जांच में यह राशि किसी भी रिटर्न फाइल में नहीं मिली है।
आरोपी के बैंक खातों में मिले 2 करोड़ रुपए
आरोपी दीपक किंगर के तीन बैंक खातों में करीब दो करोड़ रुपए की राशि पाई गई है। इस राशि की पुलिस जांच कर रही है। आरोपी के पास फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रॉपर्टी है। आरोपी से रिमांड के दौरान और कई राज उजागर हुए हैं। पुलिस उन पहलुओं पर जांच कर रही है। आरोपी दीपक के कैबिन में रिश्वत लेने के दौरान जो ऑडियो रिकॉर्डर बरामद करना है, उसकाे ठेकेदार लेकर फरार है। आरोपी ने ठेकेदार पलविंद्र का नाम लिया है। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार पलविंद्र को जांच में शामिल करके ऑडियो रिकॉर्डर बरामद किया जाएगा।
पुलिस को ठेकेदारों की लिस्ट नहीं दे रहा निगम
भ्रष्टाचार में पकड़े गए एसई दीपक किंगर की गिरफ्तारी के बाद नगर निगम में हड़कंप की स्थिति है। आरोपी को विकास कार्यों के नाम पर रिश्वत देने वाले ठेकेदार और जेई की वीडियो बनी हुई है। पुलिस ने ठेकेदारों की लिस्ट नगर निगम से मांगी है, लेकिन पुलिस को ठेकेदारों की लिस्ट नहीं दी जा रही है। इससे पुलिस की जांच रूकी हुई है। ठेकेदारों की लिस्ट मिलने के बाद उनसे पूछताछ होगी। आरोपी के केस में ठेकेदार गवाह भी बन सकते हैं।
संदेह के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली
कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी दीपक किंगर पर पुलिस मेहरबान दिखाई दी। आरोपी को लघु सचिवालय में तहसील की तरफ लाकर उनके परिजनों से मिलवाया। आरोपी मोबाइल पर बातचीत करता रहा। पुलिस उसके पास खड़ी रही। जबकि नियमों के तहत पुलिस इस तरह आरोपी से किसी की मुलाकात व फोन पर बातचीत नहीं करवा सकती। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।
आरोपी दीपक किंगर से 17 लाख रुपए बरामद किए हैं। जांच में जेई और ठेकेदार शामिल किए जाएंगे। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि ठेकेदार पलविंद्र के पास रिकॉर्डिंग का आॅडियो रिकॉर्डर है। –मुकेश कुमार, डीएसपी, करनाल।