बाबा राम रहीम को बेअदबी के 2 और मामलों में मुख्य आरोपी बनाने पर डेरा सच्चा सौदा भड़क गया है। डेरे के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में डेरे के श्रद्धालु बेकसूर निकले। ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट में कुछ नहीं निकला। CBI वैज्ञानिक तरीके से इसकी जांच कर चुकी है। पहले पुलिस खुद इसमें विदेशी ताकत का हाथ बताती थी। सरकार बदलने के बाद राजनीतिक बदलाखोरी के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस असली दोषियों को ढूंढने की जगह राजनीतिक इशारे पर मामले को सुलझाने की जगह उलझा रही है।
डेरे के श्रद्धालुओं को टॉर्चर कर गुनाह कबूलना का दबाव बनाया जा रहा
डेरा सच्चा सौदा के एडवोकेट केवल सिंह बराड़ ने कहा कि 2015 में पंजाब पुलिस ने बेअदबी के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया। 2017 में सरकार बदली तो राजनीतिक बदले के लिए डेरे के श्रद्धालुओं को टारगेट किया जाने लगा। उन्होंने कहा कि डेरे के श्रद्धालुओं को टॉर्चर कर जबरन गुनाह कबूलने का दबाव डाला गया। इसका जिक्र कत्ल से पहले डेरा प्रेमी महिंद्रपाल बिट्टू ने अपनी डायरी में किया है। बिट्टू के परिवार ने HC में पिटीशन दायर की है। जिसकी सुनवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि डेरा मुखी सब धर्मों का सम्मान करते हैं, उनका बेअदबी से कोई लेना-देना नहीं है।
चुनाव में अकाली दल और BJP का समर्थन, AAP सरकार आते ही नामजद
डेरा सच्चा सौदा ने पिछले विस चुनाव में अकाली दल और BJP को समर्थन दिया था। हालांकि सत्ता में आम आदमी पार्टी (AAP) आ गई। आप ने 117 में से 92 सीटें जीती। अकाली दल 3 और BJP सिर्फ 2 सीटें ही जीत सकी। पंजाब में नई आप सरकार बनने के बाद डेरा मुखी बाबा राम रहीम को विवादित पोस्टर लगाने और बुर्ज जवाहर सिंह वाला में श्री गुरू ग्रंथ साहिब के पावन अंग बिखरने के मामले में भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस का दावा है कि बेअदबी की पूरी साजिश सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा हेडक्वार्टर में रची गई।