हमारे मोबाइल में कई महत्वपूर्ण और निजी जानकारियां होती हैं। किंतु अगर ये गुम हो जाए, तो निजी डाटा, बैंकिंग एप्स और सोशल मीडिया का दुरुपयोग होने की आशंका भी कई गुना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आमतौर पर लोग सबसे पहले सिम बंद कराते हैं। पर इतना ही काफ़ी नहीं है।
मोबाइल में आपकी निजी जानकारियां अभी भी मौजूद हैं जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है। लिहाज़ा ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए क्या कर सकती हैं, यहां सुझाव के ज़रिए बता रहे हैं।
रिपोर्ट दर्ज कराएं
फोन चोरी होने पर सबसे पहले रिपोर्ट दर्ज कराएं। इसे ऑनलाइन मोड से दर्ज करा सकती हैं, जिससे चोरी होने वाले स्मार्टफोन का एफआईआर नंबर जनरेट होगा। एफआईआर दर्ज होने के बाद कानूनी रूप से फोन से होने वाले ग़लत और गैरक़ानूनी काम के लिए आप ज़िम्मेदार नहीं ठहराई जाएंगी। मोबाइल खोने की शिक़ायत क़रीबी पुलिस स्टेशन पर भी दर्ज करा सकती हैं।
डायल करें या एसएमएस
सरकार ने 14422 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इस नंबर पर मोबाइल गुम होने की शिक़ायत दर्ज करा सकती हैं। सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन की वेबसाइट सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR – https://www.ceir.gov.in) की मदद से चोरी होने वाले फोन को ब्लॉक और अनब्लॉक करा सकती हैं। इसकी मदद से फोन की लोकेशन का पता भी लगाया जा सकता है। सीईआईआर में देश के हर नागरिक के मोबाइल का मॉडल, सिम नंबर और आईएमईआई (IMEI) नंबर मौजूद है। इससे सीईआईआर को चोरी हुए मोबाइल को खोजने में आसानी होती है।
बदलें अकाउंट के पासवर्ड
किसी दूसरे मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से अपना बैंक खाता, बैंकिंग एप्स, डिजिटल वॉलेट आदि के पासवर्ड तुरंत बदल दें। यदि ओटीपी की वजह से कोई समस्या आ रही हो तो बैंक, कंपनी आदि को अकाउंट फ्रीज़ करने के लिए कहें ताकि संभावित आर्थिक नुक़सान से बच सकें। इसी तरह सोशल मीडिया और ई-मेल अकाउंट के पासवर्ड भी बदल दें ताकि इनका ग़लत उपयोग ना किया जाए।
ये भी ज़रूरी हैं
- मोबाइल गुम होते ही फौरन उस नंबर पर दूसरे फोन नंबर से कॉल करें। यदि मोबाइल किसी व्यक्ति को मिलेगा तो वह जवाब ज़रूर देगा। यदि फोन चोरी हुआ है और शख्स फोन नहीं उठा रहा है और उसने फोन बंद कर दिया है, तो फ़ौरन पुलिस को सूचित करें।
- स्क्रीन लॉक करने के लिए फिंगर या फेस रिकग्निशन का इस्तेमाल करें ताकि आपका फोन अनलॉक होने से बच सके।
- समय-समय पर फोन का बैकअप लेते रहें ताकि अप्रिय स्थिति में डाटा नष्ट ना हो।
फाइंड माय डिवाइस एक्टिव रखें
मोबाइल में ‘फाइंड माय डिवाइस’ विकल्प को एक्टिव रखें। यह फीचर मोबाइल को रिमोट एक्सेस प्रदान करता है ताकि आप फोन के डाटा को दूर से भी डिलीट कर सकें और डिजिटल वॉलेट से संबंधित एप्स को भी डिलीट कर सकें। इससे गुम हुआ मोबाइल आसानी से खोज भी सकती हैं। यह फीचर सभी स्मार्टफोन में होता है, लेकिन अगर नहीं है तो ‘फाइंड माय डिवाइस’ एप भी डाउनलोड कर सकती हैं। एप को ई-मेल से लॉगइन करना होता है। किसी अन्य फोन या कंप्यूटर से Android.com/find पर जाएं। अपने ई-मेल आईडी से लॉगइन (जो मोबाइल पर भी लॉगइन है) करें। मैप आपके मोबाइल की आखिरी लोकेशन दिखाएगा।