अंबाला,। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने नगर परिषद में छापा मारा तो यह रहस्य उजागर हुआ कि प्रदेश में दो वर्षों से स्ट्रीट लाइट को लेकर टेंडर देने पर प्रतिबंध है। प्रदेश भर में खराब स्ट्रीट लाइटों को रिपेयर कर ही काम चलाया जा रहा है। जो कंडम हो चुकी हैं, उनको भी बदला नहीं जा रहा है। यही कारण है कि जनता परेशान है और अधिकारियों को शिकायतें कर रही हैं।
बता दें कि स्ट्रीट लाइट की खरीद में घोटाला आने के बाद शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा ने प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों, निकायों के आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव को नौ जून २०२० को पत्र जारी किया था, जिसके बाद निकाय क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए खरीद पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद से ही स्ट्रीट लाइट की खरीद नहीं हो रही है। यह रोक कब तक रहेगी, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
इस तरह से जारी हो रखे हैं आदेश
शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा ने प्रदेश में स्ट्रीट लाइट खरीद को लेकर रोक लगाई है। लेटर में कहा गया है कि पुरानी स्ट्रीट लाइट को हटाकर ऐसी लाइटें लगाने की योजना है, जो बिजली कम खर्च करे। इसके लिए सेंट्रेलाइज्ड कंट्रोल एवं मानिटरिंग सिस्टम यानी सीसीएमएस शुरू किया गया, जिस में दस साल तक इसके आपरेशन और मेंटीनेंस का काम दिया जाना था। इसी को लेकर इस प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। नए कार्य को जारी करने के लिए यदि पहले ही बिड ओपन की गई है और यह प्रक्रिया में है, इसे भी रोका जाए।
इस तरह से उठ चुके हैं सवाल
स्ट्रीट लाइटों को लेकर प्रदेश में घोटाले और खेल को लेकर सवाल उठ चुके हैं। अंबाला में ही रिहायशी क्षेत्र छोड़ डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए खाली जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगाई, जिसकी जांच की गई। इसी तरह बरवाला, पानीपत, बहादुरगढ़, हिसार में भी स्ट्रीट लाइटों को लेकर मुद्दे उठ चुके हैं। माना जा रहा है कि इनके कारण ही सभी जिलों में स्ट्रीट लाइट की खरीद पर रोक लगाई गई है।
बताएंगे : कमल गुप्ता
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि इस बारे में फाइल को देखकर ही कुछ बता सकता हूं। चेक किया जाएगा कि यह रोक क्यों लगी और मौजूदा स्टेटस क्या है।
कार्रवाई चल रही है : एसीएस
अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि स्ट्रीट लाइट को लेकर कार्रवाई चल रही है। कब तक खरीद की जाएगी इसको लेकर वह स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके।