चौकीदार को डंडो से पीटकर मारने के दोषी को उम्रकैद, दोषी ने जो अपराध किया, वह समाज के खिलाफ : कोर्ट

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जगाधरी:

चूना भट्ठी कालोनी में चौकीदार को डंडों से पीट पीटकर हत्या के दोषी सागर सोढी को कोर्ट ने कठोर उम्रकैद व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राजिद्र पाल सिंह की कोर्ट ने सुनाया है। सजा के बाद दोषी ने कोर्ट में रहम की अपील करते हुए कहा कि उसके मां-बाप बुजुर्ग हैं। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। वह डेंटिग- पेंटिग का काम कर वह परिवार का भरण पोषण कर रहा था। कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दोषी ने जो अपराध किया है, वह समाज के खिलाफ है। पुलिस ने मामले में सही जांच की। तथ्यों को जोड़ते हुए शव की रिकवरी, हत्या में प्रयोग डंडे की बरामदगी, खून में सनी हुई चप्पलें, स्थान की शिनाख्त व मौके के गवाह ने दोषी को सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की। शहर यमुनानगर पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई एवं जीएनजी कालेज में लाइब्रेरी अटेंडेंट नन्ना राम रावत की शिकायत पर 29 अप्रैल 2020 को हत्या का केस दर्ज किया था।

पुलिस को दी शिकायत में नन्ना राम रावत ने कहा था कि उसका 59 वर्षीय चचेरा भाई करण रावत चूना भट्ठी कालोनी में करीब दो साल से चौकीदारी कर रहा था। जो कि पश्चिमी नेपाल के गांव कौबापुरा का था और कालोनी में किराए पर रहता था। चौकीदारी की एवज में कालोनीवासी उसे पैसे देते थे। रात को नींद न आए, इसलिए करण रावत को रात में चाय पीने की आदत थी। लाकडाउन में 29 अप्रैल की रात करीब डेढ़ बजे वह अपने चचेरे भाई को चाय देने गया था। जब वह कालोनी में पहुंचा, तो उसने देखा कि कालोनीवासी सागर सोढी उसे डंडों से पीट रहा था। सागर ने उसके सामने करण के सिर में डंडे से दो वार किए। जब उसने शोर मचाया, तो वह मौके से भागने लगा। हालांकि उसने लोगों के साथ मिलकर उसे पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह फरार हो गए। शोर सुनकर वहां पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। जिन्होंने एंबुलेंस बुलाया और गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई रंजिश के चलते किया था हमला

पुलिस को दी शिकायत में नन्ना रावत ने कहा था कि सागर सोढी उसके चचेरे भाई करण रावत के साथ रंजिश पाले हुए था। चौकीदारी की एवज में वह पैसे भी नहीं देता था और गाली गलौज भी करता था। इस बात को लेकर कई बार सागर को समझाया भी गया था। लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया।