4 जुलाई (NIRMAL SANDHU): इंद्री विधानसभा क्षेत्र से जहां एक तरफ उम्मीदवारी के लिए सभी राजनैतिक दलों में चिंतन और मंथन हो रहा है। दो माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है। भाजपा की उम्मीदवारी को लेकर भी क्षेत्र में अलग-अलग दावेदार उभरकर सामने आ रहे है। इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता राज सिंह गोदारा मजबूत दावेदार के रूप में उभरकर सामने आएं है। जिन्होंने पिछले 2014 और 2019 में मजबूती से विधानसभा उम्मीदवारी के लिए दावेदारी की थी। लेकिन किन्हीं कारणों से अंतिम समय में उन्हें टिकट नहीं मिल पाई। लेकिन इस बार संगठन और सत्ता के बीच उनका बेहतर तालमेल होने के कारण इस बार टिकट की संभावना पूरी बनी हुई है। राज सिंह गोदारा जाट समाज के वरिष्ठ नेता है। वह महाराजा सूरजमल जाट महासभा के प्रदेशाध्यक्ष होने के साथ-साथ वह प्रदेश की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए है। उन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भाजपा का परचम बुलंद किया था। उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण रही है। उनके पिता सेना में काफी वर्षों तक तैनात रहे। जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी। राज सिंह खुद अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे है। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत हजारों बच्चियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए। जगह-जगह उन्होंने प्रशिक्षण शिविर लगाकर बच्चों को जूडो कराटे की ट्रेनिंग दी। राज सिंह गोदारा इन्द्री में 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहे है। उनको हर बिरादरी का समर्थन प्राप्त है। वह गांव-गांव जाकर भाजपा के संदेश को गांव-गांव की चौपाल तक पहुंचा रहे है। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जब समूचे प्रदेश जल रहा था तो उस समय राज सिंह मुख्यमंत्री के तत्कालीन ओ.एस.डी अमरेन्द्र सिंह के साथ मिलकर शांति बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने जाट समुदाय को भाजपा को नजदीक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पानीपत से लेकर अंबाला तक उनके प्रयासों से जाट आरक्षण हिंसा रूप नहीं ले पाया। वह पिछले 10 वर्षो से गांव-गांव में भाजपा का प्रचार कर रहे है। इन वर्षो में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा और मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की टीम के मुख्य सदस्य के रूप में भाजपा को घर-घर तक पहुंचा रहे है। उनका प्रयास है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को 70 से अधिक सीटें मिले। वह भी चाहते है कि यदि उन्हें इंद्री से चुनाव लड़ने का मौका मिला तो वह यह चुनाव जीतकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा की झोली में डालेंगे।