राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलकात के दौरान राज्य के लिए दो साल तक 50-50 हजार रुपये का पैकेज मांगने पर हरियाणा में सियासत गर्मा गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को मुफ्त के वादे करने की राजनीति पर बड़ा हमला बोला। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को निशाने पर लेते हुए मनोहर लाल ने कहा कि चुनाव से पहले सब कुछ मुफ्त में बांटने के वादे करो और बाद में इन वादों को पूरा करने के लिए कटोरा लेकर प्रधानमंत्री के सामने खड़े हो जाओ, यह कहां की राजनीति है।
अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने साधा निशाना
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अंत्योदय की भावना पर आधारित फैसले लेकर समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति को साधन-संपन्न बनाने के लिए काम कर रही है, लेकिन हम मुफ्तखोरी के हक में बिल्कुल भी नहीं हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर अपने राज्य के लिए आर्थिक मदद मांगी थी।
मनोहर लाल ने कहा, भाजपा की नीति और सोच हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की
मनोहर लाल ने कहा कि यदि आपकी नीति मुफ्त में बांटने की है तो बांटो, लेकिन यह सब अपने दम पर करो। सेंटर से पैसा लेकर मुफ्तखोरी की राजनीति करना बेहद शर्मनाक है। पहले मुफ्त में सब बांटने की घोषणा करो और फिर कटोरा लेकर प्रधानमंत्री के सामने खड़े हो जाओ, यह तो अच्छी बात नहीं है। इससे देश और समाज का भला नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति और सोच गरीब से गरीब व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की है। इस दिशा में हरियाणा के गरीब लोगों को चिन्हित कर उन्हें रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति के लिए आय के साधन मुहैया हो सकें। वह मुफ्तखोरी पर बिल्कुल भी निर्भर न रहे।
कहा- मुझे नहीं मिला अशोक खेमका का कोई पत्र
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने आइएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी संबंधी कोई पत्र लिखे जाने से इन्कार किया है। मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है, लेकिन जहां तक रजिस्ट्रियों में सात-ए के उल्लंघन की बात है, हम इसकी जांच बैठा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में करीब 60 हजार रजिस्ट्रियां संदिग्ध हैं। 350 अधिकारियों व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनमें से कितनों के खिलाफ कार्रवाई होगी और कितने बचेंगे, यह बाद का विषय है। वैसे ही हम 2010 से 2016 तक हुई तमाम रजिस्ट्रियों की जांच बैठा चुके हैं।
बोले – चंडीगढ़ पर बरकरार रहेगा हरियाणा का हक
मनेाहरलाल ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों का है। इसको हरियाणा से कोई नहीं छीन सकता। लेकिन यह बात भी सही है कि वह किसी प्रदेश के अंतर्गत नहीं आता। वह हरियाणा व पंजाब की राजधानी है और अलग केंद्रशासित राज्य है। इसमें जो अधिकारी काम करते हैं, उसमें पंजाब व हरियाणा का रेशो 60:40 का है, जो आगे भी रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में अलग सर्विस रूल के बारे में क्या घोषणा की है, वह इसकी जानकारी हासिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद होगी। 72 घंटे में किसान को पेमेंट देने का वादा पूरा करेंगे। गेहूं खरीद की समस्त तैयारियां पूरी हो चुकी हैं