यमुनानगर। अपनी लंबित मांगों के समर्थन में प्रदेश भर के अतिथि अध्यापक शनिवार को जगाधरी की अनाज मंडी में एकजुट हुए। दोपहर दो बजे तक अध्यापकों ने यहां धरना दिया। उसके बाद वे रोष मार्च निकालते हुए शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास की ओर बढ़ने लगे। जिसकी भनक पुलिस को लग गई। पुलिस ने अध्यापकों को रोकने के लिए रास्तों में तुरंत बैरिकेड्स लगा दिए। जिसे हटाते हुए अध्यापक जैसे ही आगे बढ़ने लगे तो पुलिस से उनका टकराव हो गया। इस झड़प में दो अध्यापक घायल भी हुए। जिसके बाद अध्यापकों ने सड़क पर ही धरना जमा दिया।
रोष मार्च के साथ जैसे ही अध्यापक आगे बढ़ रहे थे, तभी मौके पर डीएसपी ने आकर समस्त अतिथि अध्यापक संघ संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव पारस शर्मा की शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर से फोन पर बात करवाई। मगर इस बातचीत से अध्यापक संतुष्ट नहीं हुए और रोष मार्च के साथ शिक्षामंत्री के आवास की ओर बढ़ने लगे।
नारेबाजी कर आगे बढ़ते अध्यापक जगाधरी बस अड्डा चौक, मटका चौक से होते हुए जब जगाधरी के अग्रसेन चौक पर पहुंचे तो पुलिस ने वहां बैरिकेड्स लगाकर अध्यापकों को रोक दिया। मगर गेस्ट टीचर आगे जाने की बात पर अड़ गए। इसी दौरान पुलिस ने आधा घंटे तक अध्यापकों के साथ माथापच्ची की, किंतु रोषित अतिथि अध्यापक आगे जाने की जिद पर अड़ रहे। इस दौरान जैसे ही अध्यापक बैरिकेड्स हटाकर आगे जाने लगे तो पुलिस के साथ उनका टकराव हो गया। इसी झड़प में के दौरान दो महिला अध्यापक घायल भी हो गई।
वादाखिलाफी का आरोप।
इस झड़प के बाद जब पुलिस ने अध्यापकों को आगे नहीं बढ़ने दिया तो अध्यापकों ने सड़क पर ही डेरा जमा दिया और वे धरने पर बैठ गए। इस दौरान समस्त अतिथि अध्यापक संघ संघर्ष समिति की राज्य प्रधान मैना यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध राज्य भर से हजारों गेस्ट टीचर यहां एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को नियमित करने संबंधी अधिनियम में संशोधन करने की मांग के लिए 05 सितंबर को शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया गया था। उसके बाद 08 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से गेस्ट टीचरों की मीटिंग भी हुई थी, जिसमें अतिथि अध्यापक के शिष्टमंडल ने एक्ट में संशोधन कर अतिथि अध्यापक को नियमित करने की मांग रखी थी। इस पर एक्ट में संशोधन करने की बजाय सरकार ने 30 अक्तूबर तक अतिथि अध्यापक को बेसिक वेतन, मेडिकल व एलटीसी सहित सेवा नियम बनाने की बात कही थी मगर करीब तीन महीने बीतने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया गया। इसी वजह से अध्यापकों में गहरा रोष है। रात तक अध्यापक विरोध स्वरूप सड़क पर ही डटे रहे।
शिक्षा मंत्री के आश्वासन से नहीं हुए सहमत। सर्दी की रात में भी डटे रहे।
यमुनानगर। अतिथि अध्यापकों का बढ़ते बवाल को देखते हुए शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर भी शाम को तुरंत अपने गृह नगर पहुंचे। वह करनाल में सुशासन दिवस कार्यक्रम में भाग लेने गए हुए थे।शिक्षा मंत्री ने पहले तो अध्यापकों से धरना खत्म करने की अपील की। मगर जब अध्यापक नहीं माने तो उन्होंने समिति के सात अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आवास पर बुलाया। बातचीत के दौरान शिक्षामंत्री ने उनसे मंगलवार को चंडीगढ़ आने की बात कही, ताकि वहां उनकी प्रमुख मांगों को हल करवाने के लिए प्रयास किए जा सकें।
अध्यापक शिक्षामंत्री के इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने सड़क पर डेरा जमाकर धरना देने की बात कही। अध्यापकों पर नजर रखने के लिए पुलिस बल भी देररात तक तैनात कर दिया गया। अध्यापकों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उन्हें अपनी मांगों के संबंध में लिखित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे यहां से नहीं हटेंगे।