यमुना नदी में अवैध खनन का बड़ा खेल चल रहा है। 15 सितंबर तक खनन पर पूर्ण रूप से पाबंदी है। इसके बावजूद अवैध खनन हो रहा है। रात को अर्थमूविंश मशीन से ट्रॉलियां भरी जा रही तो वहीं दिन के समय झोटा-बुग्गी की मदद से माफिया खनन कर रहे हैं। सुबह होते ही अवैध खनन करने वाले सैकड़ों लोग झोटा-बुग्गी के साथ नदी के बीच पहुंच जाते हैं। बेखाैफ अवैध खनन करते है। कई खनन माफिया तो झोटा-बुग्गी की मदद से रेत को पहले नदी के बाहर स्टॉक कर रहे हैं फिर उसे ट्रॉलियों में लोड कर बेचा जा रहा है।
प्रतिदिन लाखों रुपए का रेत अवैध रूप से बिक रहा है। क्षेत्र निवासियों का कहना है कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। शिकायत के बाद भी खनन विभाग के अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे। जिससे खनन विभाग के अधिकारियों की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। अवैध खनन का सबसे बड़ा खेल खनन एजेंसी बी-12 के पास चल रहा है। सरकार अवैध खनन पर सख्ती की बात कह रही है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही ब्यां कर रही है। यमुना नदी के सीने में पड़े अर्थमूविंग मशीनों के गहरे जख्म अवैध खनन की गवाही दे रहे हैं। वहीं इस मामले में माइनिंग विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
शिकायतों पर कार्रवाई की बजाए दबा दी जाती हैं शिकायतें : वरयाम
अवैध खनन के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका डालने व अवैध खनन की सीबीआई जांच की मांग करने वाले गुमथला निवासी एडवोकेट वरयाम सिंह का कहना है कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध खनन हो रहा है। लंबे समय से वह इसकी शिकायत खनन विभाग के अधिकारियों से कर रहे हैं, लेकिन शिकायतों पर कार्रवाई करने की बजाए दबा दिया जाता है। जिससे जाहिर होता है कि क्षेत्र में खनन अधिकारियों की शह पर ही अवैध खनन का धंधा चल रहा है।
अवैध खनन से यमुना नदी में बह रहे पानी की धारा बदली
वरयाम सिंह का कहना है कि अवैध खनन माफिया व अधिकारियों के गठजोड़ ने क्षेत्र को बदहाल कर दिया। अवैध खनन से यमुना नदी में बह रहे पानी की धारा बदल गई है। नदी के किनारें टूट चुके हैं। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की फोटो व वीडियो उन्होंने जुटा लिए हैं। जिसे लेकर वे जल्द खनन मंत्री से मिलेंगे और मिलीभगत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।