जानू हत्याकांड : रस्म क्रिया के बाद वाल्मीकि समाज ने निकाला रोष मार्च, महाराणा प्रताप चौक पर लगाया जाम, डीसी ने दस दिन का मांगा समय Author: Jagran

यमुनानगर :

चूना भट्टी निवासी जानू के मुख्य हत्यारोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वाल्मीकि समाज ने रोष मार्च निकाला। पहले वाल्मीकि समाज के लोगों ने फव्वारा चौक पर जाम लगाया। इसके बाद महाराणा प्रताप चौक पर धरना देकर बैठ गए। करीब दो घंटे तक यहां लोग प्रदर्शन करते रहे। हाथों में जानू वाल्मीकि व उसके भाई रमन वाल्मीकि की फोटो थी। चारों ओर वाहन खड़े कर रोड जाम कर दिया गया। करीब एक घंटे यहां पर प्रदर्शन करते रहे। पुलिस के खिलाफ रोष बना हुआ था। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। बाद में डीसी पार्थ गुप्ता प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पहुंचे। यहां धरनास्थल पर बैठकर लोगों की बात सुनी। जानू वाल्मीकि हत्याकांड संघर्ष समिति की ओर से डीसी को ज्ञापन दिया गया। इसके बाद पांच बजे ही जाम खुला।

वाल्मीकि समाज के नेता राजेंद्र वाल्मीकि के बेटे जानू वाल्मीकि की 15 अप्रैल की रात गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के दो आरोपित ही अभी तक गिरफ्तार हुए हैं, जबकि मुख्य आरोपित सुमित राणा, सचिन पंडित व मनोज उर्फ शंटी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी की मांग पीड़ित परिवार व समाज के लोग उठा रहे हैं। सोमवार को जानू की रस्म क्रिया थी। जिसमें कई राज्यों से समाज के लोग भी पहुंचे थे। वाल्मीकि समाज की ओर से पुलिस को पहले ही दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। यह अल्टीमेटम भी सोमवार को खत्म हो गया, लेकिन मुख्य आरोपित नहीं पकड़े गए। रस्म क्रिया में आए लोगों ने निकाला रोष मार्च :

जानू की रस्म क्रिया में पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के कई जिलों से वाल्मीकि समाज के लोग एकत्र हुए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह भी पहुंचे थे। रस्म क्रिया में ही माइक से समाज के लोगों ने एलान किया कि यहां से सभी लोग रोष मार्च निकालते हुए डीसी कार्यालय तक पहुंचेंगे और जानू की हत्या में शामिल अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग उठाई जाएगी। दोपहर दो बजे जैसे ही रस्म क्रिया संपन्न हुई। यहां से हाथों में जानू की फोटो लेकर लोग निकल पड़े। पहले फव्वारा चौक पर जाम लगाकर बैठे रहे। करीब 20 मिनट तक यहां पर धरना दिया। इसके बाद महाराणा प्रताप चौक पर पहुंचे। चारों ओर वाहनों को लगाकर रोड जाम कर दिया गया और दरी डालकर वहीं पर बैठ गए। डीसी ने मांगा दस दिन का समय :

ज्ञापन लेने के लिए डीसी पार्थ गुप्ता व डीएसपी बिलासपुर आशीष चौधरी महाराणा प्रताप चौक पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस बारे में उच्चाधिकारियों से बात की जा रही थी। इसलिए यहां आने में देरी हो गई। डीसी ने समाज के लोगों को आश्वस्त करते हुए दस दिन का समय मांगा। जिस पर राजेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने दस दिन का समय दिया है। यदि दस दिन में मुख्य आरोपित नहीं पकड़े गए, तो समाज के लोग फिर से महापंचायत करेंगे। भारत बंद भी कराया जाएगा। असलहे के लाइसेंस की फाइल फेंकने पर जताई नाराजागी :

महाराणा प्रताप चौक पर धरना दे रहे वाल्मीकि समाज के लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति काफी रोष था। पहले डीएसपी हेडक्वार्टर कमलजीत सिंह व डीएसपी सुभाष चंद्र और एसडीएम सुशील कुमार प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। वह डीसी को मौके पर बुलाने पर अड़े थे। बाद में डीसी पहुंचे, तब भी लोगों ने जमकर नारेबाजी की। यहां तक कहा गया कि असलहे के लाइसेंस के लिए फाइल लेकर गए थे, तो उनकी फाइल फेंक दी गई थी। यह रखी गई मुख्य मांग :

मुख्य आरोपित जल्द गिरफ्तार हो। जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती। उन पर कार्रवाई हो। जानू हत्याकांड की पैरवी कर रहे और पीड़ित परिवार को लाइसेंस दिए जाएं। जानू पर पहले हुए हमले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों का निलंबन किया जाए। जानू की पत्नी व आश्रितों को सरकारी नौकरी व उचित मुआवजा दिया जाए।

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