निगम कमिश्नर की कुर्सी खाली, लटका शहर का विकास

यमुनानगर :

नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी में कमिश्नर का पद रिक्त होने से विकास कार्यों पर ब्रेक लग गए। प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए सीलिग की कार्रवाई से लेकर निगम के विभिन्न वार्डों में होने वाले विकास की फाइलें बंद हैं। हालांकि पंचकुला के कमिश्नर धर्मवीर को लिक आफिसर बनाया गया है, लेकिन न वह निगम में बैठ रहे हैं और न ही फाइलें पंचकुला जा रही हैं। कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा के तबादले के बाद आइएएस अफसरों में बड़ा फेरबदल जरूर हुआ, लेकिन निगम को कमिश्नर नहीं मिला। पार्षदों का कहना है कि निगम कमिश्नर के बार-बार तबादलों का असर शहर के विकास पर पड़ रहा है। गत दिनों यह मुद्दा हाउस की बैठक में भी उठ चुका है। बता दें कि पांच अप्रैल को निगम कमिश्नर का तबादला हो गया था।

ये काम हैं रुके :

रूटीन की फाइलों के साथ निगम के विभिन्न वार्डों में लगने वाले विकास कार्यों के टेंडर, एस्टीमेट रिवाइज करने व फंड बुक करवाने संबंधित काम रुके हुए हैं। दूसरा, प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी के लिए शुरू हुई कार्रवाई भी रुक गई है। प्रापर्टी टैक्स के चार करोड़ रुपये की रिकवरी के लिए 80 प्रतिष्ठान मालिकों को नोटिस जारी किए गए थे। इनको सील किए जाने की तैयारी भी हो गई थी, लेकिन कमिश्नर के तबादले के बाद यह आगे नहीं बढ़ पाई। क्योंकि सील खोलने की पावर निगम कमिश्नर को ही है। सीलिग की कार्रवाई के बाद अधिकांश प्रतिष्ठान मालिक टैक्स जमा करा देते हैं। टैक्स जमा करवाने के बाद सील हटा दी जाती है।

कचरा उठान की योजना फाइलों में

नगर निगम एरिया में कचरा उठान की समस्या इन दिनों विकट बनी हुई है। कई-कई दिन तक कचरा नहीं उठ रहा है। पाश एरिया में भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं। हालांकि उठान व निपटान के लिए के लिए 26 करोड़ रुपये का सिगल टेंडर लगा था, लेकिन पार्षदों के विरोध के बाद इसे रद कर दिया गया है। इसके बाद छोटे टेंडर लगाने की योजना बनी। प्रस्ताव पास करवाने के लिए बाकायदा हाउस की बैठक बुलाई गई, लेकिन योजना अभी तक फाइलों तक सीमित है, जबकि पार्षद कचरा न उठाए जाने की शिकायतें कर रहे हैं।

नहीं हो पाए फाइल पर साइन

वार्ड नंबर 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि इन दिनों नगर निगम के हर छोटे-बड़े कार्य बंद पड़े हैं। उन्होंने राधा स्वामी सत्संग भवन के सामने से पेड़ कटवाने की अनुमति संबंधी फाइल निगम कार्यालय में दी थी। इस पर कमिश्नर के साइन होने हैं। दो वर्ष पहले संबंधित प्रस्ताव हाउस की बैठक में पास हो चुके हैं। डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर फाइल पर साइन करने को तैयार नहीं है। पावर न होने की बात कहकर टरकाया जा रहा है। 10 दिन से निगम कार्यालय के चक्कर लगा रही हूं। कई अधिकारियों की तो पोर्टल पर आइडी तक नहीं है। ऐसे में विकास कार्यों को गति क्या मिलेगी।

निगम में कोई सुनवाई नहीं

वार्ड सात से भाजपा पार्षद राम आसरे का कहना है कि इन दिनों निगम में जन प्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही है। आम आदमी समस्या का समाधान तो क्या होगा। वर्ष 2016 में सेक्टर-17 व 18 के कम्युनिटी सेंटरों को हुडा ने निगम को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा था। आज तक ये कम्युनिटी सेंटर निगम के हैंडओवर नहीं हुए। इनकी मरम्मत का काम अटका पड़ा है। टायलेट बदहाल और पानी की व्यवस्था नहीं है।

कई कार्य लटके

वार्ड नौ से पार्षद भावना बिट्टू का कहना है कि उनके वार्ड में तारकोल से सड़कों का निर्माण किया जाना है। काफी समय से इन कार्यों को शुरू नहीं किया गया। अब संबंधित कार्यों के टेंडर को रिकाल करना है। कमिश्नर का पद रिक्त होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है।

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