यमुनानगर : मंहगाई ने होटल व ढाबा संचालकों के कारोबार पर भी असर डाला है। अब इनकी थाली की लागत बढ़ गई है। ग्राहक भी घट गए हैं। यदि ऐसे में थाली के दाम बढ़ाते हैं, तो ग्राहकों की संख्या में और भी कमी आने की संभावना है। वहीं छोटे उद्यमी भी महंगाई से त्रस्त हैं। कच्चे माल पर रेट बढ़ने से लागत बढ़ गई है। जबकि तैयार माल के रेट अभी नहीं बढ़े हैं। यही हाल निर्माण सामग्री में लगे व्यापारियों का है।
रेस्टोरेंट व ढ़ाबों पर रिफाइंड व सरसों के तेल का प्रयोग सबसे अधिक होता है। इनके दामों में बेइंतहा बढ़ोतरी का असर लागत पर पड़ा है। रिफाइंड का टीन पहले 1500 रुपये में मिलता था। अब यह 2600 रुपये से अधिक का हो चुका है। सरसों का तेल भी 110 से बढ़कर 180 से 200 रुपये तक पहुंच गया है। पनीर के रेट पहले 250 से 280 रुपये था। अब 350 रुपये तक में मिल रहा है।
रेट बढ़ाने पर ग्राहक टूटने का डर : अशोक
निर्माण सामग्री हुई महंगी : गौरव
कंस्ट्रक्शन कार्य से जुड़े गौरव पूर्णगढ़ ने बताया कि एक वर्ष पहले सरिये के दाम 4800 से पांच हजार रुपये क्विंटल था यह 8200 से 8400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सीमेंट व ईंट के दाम भी रिकार्ड बना रहे है। सीमेंट का एक बैग 300 से 325 रुपये में मिल जाता था। अब यह 425 रुपये तक पहुंच गया है। ईंट के दाम पांच हजार रुपये प्रति एक हजार थे। अब यह छह हजार रुपये प्रति हजार तक पहुंच चुके हैं।
उद्यमी भी महंगाई से अछूते नहीं : प्रभजीत
मेटल उद्यमी प्रभजीत ने बताया कि मेटल के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं। स्टील वायर पहले 100 से 110 रुपये की थी। अब यह 180 से 185 रुपये तक की हो गई है। इससे माल पर असर पड़ रहा है। जो माल 100 रुपये में तैयार होता था। उस पर अब आठ से दस रुपये तक बढ़ गए हैं। इन दामों पर माल का उठान नहीं है। फिलहाल घाटे में ही काम करना पड़ रहा है।