मानसून सीजन से पहले होगी नालों की सफाई, ट्विन सिटी को दो जोन में बांटा

 यमुनानगर :

मानसून सीजन में शहर पानी-पानी न हो, इसके लिए निगम प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। 22 वार्ड को दो जोन में बांटकर सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई करवाए जाने की योजना है। यह काम निगम कर्मचारी नहीं बल्कि एजेंसी करेगी। एक नंबर जोन में वार्ड एक से सात हैं, जबकि दो नंबर जोन में आठ से 22 वार्ड हैं। सफाई का कार्य तीन चरणों में होगा। प्रतिमाह हर नाले की सफाई करना भी अनिवार्य होगा। नालों की नियमित सफाई के साथ-साथ सील्ट उठाना व घास-फूस साफ करना भी एजेंसी की जिम्मेदारी होगी।

छोटे-बड़े 32 नाले :

यमुनानगर व जगाधरी शहर में नगर निगम के छोटे-बड़े 32 नाले हैं। मुख्य नाला जगाधरी से निकलकर यमुनानगर की दर्जन भर कालोनियों से होता हुआ पश्चिमी यमुना नहर के किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिर रहा है। नालों की नियमित सफाई न होने के कारण कचरे से अटे पड़े हैं। औद्योगिक क्षेत्र में स्थिति अधिक खराब है। इसके अलावा कई जगह नालों पर स्थाई कब्जे हो गए हैं। ऐसे में नालों की सफाई नहीं हो पाती है और बारिश के सीजन में रिहायशी क्षेत्र में पानी का जमा होता है।

इन क्षेत्रों में होती अधिक दिक्कत :

समय पर नालों की सफाई न होने से जगाधरी में गौरी शंकर कालोनी मंदिर, देवी भवन बाजार, शमशान घाट रोड, सिविल लाइन, गांधीधाम, मटका चौक से बर्तन बाजार का क्षेत्र ओवरफ्लो की वजह से हर साल पानी में डूब जाता है। इसके अलावा यमुनानगर में प्रोफेसर कालोनी, स्वामी विवेकानंद स्कूल के पास का क्षेत्र, एफसीआइ गोदाम के पास का क्षेत्र, यमुनानगर बस स्टैंड के पास का क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात में नाले ओवरफ्लो होने की वजह से लोगों के घरों में गंदा पानी घुस जाता है।

चार घंटे में शिकायत का निपटान जरूरी :

टेंडर मिलने के बाद एजेंसी अन्य ठेकेदार को सबलेट नहीं कर सकेगी। यदि ऐसा किया गया तो टेंडर रद कर धरोहर राशि जब्त कर ली जाएगी। इसके अलावा सफाई संबंधी शिकायत का निपटान चार घंटे में करना अनिवार्य होगा। न किए जाने पर प्रति शिकायत दस हजार रुपये जुर्माना होगा। सफाई के दौरान नाले से निकाली गई सिल्ट को भी 24 घंटे के अंदर उठाना होगा। अनियमितता बरतने पर 10 हजार रुपये प्रति साइट प्रति दिन जुर्माना होगा। कर्मचारी बिना वर्दी काम काम नहीं कर सकेंगे।

हटवाया जाए अवैध निर्माण :

वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान व वार्ड 20 से रेखा राणा का कहना है कि नालों की नियमित रूप से सफाई की जानी चाहिए ताकि नाले ओवरफ्लो न हों। नालों पर अवैध निर्माण होने के कारण नियमित रूप से सफाई नहीं हो पाती और पानी की निकासी रुक जाती है। नाले पहले से ही संकरे हैं और इन पर निर्माण हो जाने के बाद पानी की निकासी नहीं हो पाती और न ही सफाई होती है। नालों की नियमित सफाई के साथ इनको कब्जा मुक्त किया जाना भी जरूरी है।

सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा :

इस बार नालों की सफाई पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए टेंडर काल किया गया है। 22 वार्डों को दो जोन में बांटा गया है। मानसून सीजन में शहरवासियों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

मदन चौहान, मेयर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *