हरियाणा के यमुनानगर स्थित सरस्वती शुगर मिल में मंगलवार को गन्ना पिराई सत्र 2022-23 की विधिवत शुरुआत हुई। हरियाणा और पंजाब में ये एक मात्र शुगर मिल है, जिसमें गन्ने की पिराई शुरू हो गई है। 25 साल बाद ऐसा हुआ है, जबकि मिल को समय से पहले चलाया गया। शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने पिराई सत्र का शुभारंभ किया।
1933 से चल रहा शुगर मिल
सरस्वती शुगर मिल का काफी नाम है। इसकी स्थापना सन 1933 में हुई थी। अब 91 साल बाद मंगलवार को एक बार फिर गन्ना पिराई सत्र की शुरुआत हुई। शुगर मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने बताया कि यह मौका 25 साल बाद आया है, जब नवंबर महीने के पहले हफ्ते में पिराई सत्र शुरू किया गया है। मिल एरिया में 97 हजार एकड़ में गन्ने की फसल है। यहां तीन जिलों से गन्ना आता है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल के करीब 22 से 23 हजार किसान इस मिल के साथ जुड़े हुए हैं।
सरस्वती शुगर मिल ने पिछले साल 162 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की थी। इस बार किसानों का 175 लाख क्विंटल गन्ना खरीदना जाएगा। हर साल किसान पिराई सत्र शुरू होने का इंतजार करते हैं, लेकिन इस बार किसानों के इंतजार से पहले ही खरीद शुरू कर दी गई है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। उन्होंने बताया कि शुगर मिल पहुंचने वाले किसानों के लिए मिल प्रबंधन की तरफ से उचित इंतजाम भी किए गए हैं।
सबसे पहले ये पहुंचे गन्ना लेकर
शुगर मिल में पहले दिन मेहर सिंह, जसबीर सिंह, सालीम हसन और गन्ना क्रय केंद्र कूलपुर से गन्ना पहुंचा। किसानों ने बताया कि इस बार जल्द पिराई सत्र शुरू होने से उन्हें काफी फायदा होगा, क्योंकि देरी से पिराई सत्र शुरू होने पर एकदम से किसानों की पर्चियां आ जाती हैं। पहले गन्ना लाने वाले किसानों को सम्मानित किया गया।