सड़कों पर कचरा….:क्योंकि इसके उठान के लिए नए टेंडर करने के लिए पुराने के खत्म होने के इंतजार में रहे अफस

शहरी सड़कों पर जगह-जगह कचरा है, जिससे पता चलता है कि डोर टू डोर कचरा उठान व्यवस्था लड़खड़ा गई है। इसकी वजह नगर निगम अफसरों की लेटलतीफी रही, जो कचरा उठान के नए टेंडर करने के लिए पुराने टेंडर के खत्म होने की बांट में रहे, वहीं अब पुराने टेंडर का काम खत्म होने पर नए टेंडर की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। हालांकि जोन-2 (वार्ड-12 से 22) में कचरा उठान के ठेके का काम बंद होने पर आनन-फानन में अफसर 13 मार्च को सभी 22 वार्ड का सिंगल टेंडर लगा चुके थे, पर अब इसे रद्द कर सदन में दिए मेयर के प्रस्ताव पर छोटे टेंडर लगेंगे लेकिन तब तक जोन-1 (वार्ड-1 से 11) में भी ठेके पर चल रहा कचरा उठान का काम भी बंद हो जाएगा। ऐसे में दोनों जोन में कचरा उठान की व्यवस्था बनाना निगम के लिए चुनौती होगी, क्योंकि इसके लिए स्टाफ व संसाधन कम हैं। बता दें कि वर्ष-2021 में जून-जुलाई में डोर टू डोर कचरा उठान के काम ठेके पर देने के बाद नगर निगम के पास गलियों-सड़कों व नाले-नालियों की सफाई का काम ही रह गया था। पिछले माह से जोन-2 (वार्ड-12 से 22) में ठेके पर काम खत्म होने पर वहां डोर टू डोर कचरा उठान का काम भी नगर निगम के जिम्मे आ गया है। अब कुछ दिनों में जोन-1 (वार्ड-1 से 11) में ठेके पर काम खत्म होने से दोनों जोन में यह व्यवस्था नगर निगम को करनी होगी। स्टाफ के साथ संसाधन भी कम| नगर निगम दोनों जोन में डोर टू डोर नियमित कचरा उठान की व्यवस्था करने में असमर्थ है, क्योंकि पहले ही निगम के पास गलियों-सड़कों व नाले-नालियों की सफाई के लिए स्टाफ कम है। 22 वार्डों पर 1700 की डिमांड में 746 सफाई कर्मी (532 कच्चे व 214 पक्के) ही हैं। साथ ही फंड से लेकर संसाधन भी कम हैं। कचरा उठान के कई टिपर खराब पड़े हैं और चालू टिपर भी कभी भी बीच में बंद पड़ जाते हैं। ऐसे में नगर निगम के सामने सफाई के साथ शहर में कचरा उठान की व्यवस्था बनाना चुनौती से कम नहीं है।

  • एक जोन में कचरा उठान का ठेके पर काम बंद होने पर वहां नगर निगम अपने स्तर पर व्यवस्था कर रहा है। दूसरे जोन में कचरा उठान का ठेके पर काम अभी बंद नहीं हुआ है। प्रयास है कि जल्द नए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो। – अशोक कुमार, जॉइंट कमिश्नर, नगर निगम।

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