यमुनानगर की पुलिस ने 28 अगस्त को हुई हरप्रीत की हत्या के मामले में दो भाइयों समेत 3 युवकों को गिरफ्तार किया है। मृतक इनसे नशा खरीदता था, लेकिन पैसे नहीं दे पा रहा था। आरोप है की तीनों ने उसे घर बुलाकर नशे का डबल डोज इंजेक्शन दे दिया। बाद में उससे मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में उसके शव को लेदा-छछरौली कच्चे रास्ते पर जंगल में पुलिया के नीचे फेंक दिया था। पुलिस ने तीनों को रिमांड पर लिया है।
सीआईए ने इनको पकड़ा
यमुनानगर की सीआईए-1 टीम इंचार्ज प्रमोद वालिया ने बताया कि सूचना मिली थी 3 युवक गुलाबगढ़ बस स्टैंड पर भागने की फिराक में हैं। सब इंस्पेक्टर जीत सिंह, हेड कांस्टेबल मुकेश, रणधीर, विमल हरदयाल की टीम ने मौके पर जाकर तीनों युवकों को काबू किया। उनकी पहचान नाहर ताहरपुर निवासी लाभ सिंह, रवि उर्फ शुभम और उर्जनी निवासी कपिल उर्फ काला के नाम से हुई। रवि व लाभ सिंह सगे भाई हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्होंने अपने दोस्त हरप्रीत की नशे की डबल डोज देकर हत्या की है।
यमुनानगर की सीआईए-1 इंचार्ज प्रमोद वालिया जानकारी देते हुए।
नशे के पैसों पर विवाद
इंस्पेक्टर प्रमोद वालिया ने बताया कि छछरौली के खेड़ा मोहल्ला निवासी हरप्रीत सिंह गुरुग्राम में एक कार कंपनी में नौकरी करता था। वह रविवार 28 अगस्त को घर आया। लाभ सिंह ने उसे फोन कर अपने गांव में बुला लिया। वहां पर रवि व कपिल भी मौजूद थे। हरप्रीत सिंह ने नशे के इंजेक्शन के पिछले 3 महीने से आरोपियों के पैसे देने थे, लेकिन वह नहीं दे रहा था। पैसे मांगने पर गाली गलौज करता था। उस दिन भी जब पैसे मांगे तो उसने गाली गलौज की।
बेसुध कर पीट पीटकर मार डाला
आरोपियों ने इंजेक्शन में डबल डोज डालकर हरप्रीत सिंह को लगा दिया। इससे वह बेहोश हो गया। उसके बाद उसके साथ जमकर मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। किसी को शक न हो आरोपी लाभ सिंह ने अपनी कार में हरप्रीत के शव को डाल लिया और रवि व कपिल को साथ लेकर उसके शव को लेदा छछरौली कच्चे रास्ते पर जंगल में पुलिया के नीचे शव को फेंक दिया।
बाइक को मौके पर छोड़ा
शव फेंकने के बाद तीनों ने हरप्रीत सिंह की बाइक को कच्चे रास्ते पर खड़ा कर दिया। किसी को शक न हो इसलिए इंजेक्शन की सिरिंज उसके बाजू में लगा दी। उसके बाद वे मौके से फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी व मृतक हरप्रीत नशे का आदी था। वह नशे के इंजेक्शन लगाते थे। लेकिन हरप्रीत ने पिछले 3 महीने से उन्हें कोई पैसा नहीं दिया था।