धनौरी गांव में मंगलवार सुबह पुलिस कर्मचारी पीतांबर की गोली लगने से मौत हो गई। गोली उनके चेहरे के निचले भाग (ठोड़ी के नीचे) से होती हुई सिर से निकल गई। उन्हें एमएम अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घर में गोली चलने की आवाज सुन पीतांबर की पत्नी दौड़ती हुई घटनास्थल पर पहुंची जहां वह लहूलुहान अवस्था में बेसुध पड़े था और चारों तरफ खून बिखरा था। जिसके बाद पत्नी ने शोर मचाया।
शोर सुन कर पड़ोसी मौके पर पहुंचे थे। मामले की सूचना मिलते ही मुलाना पुलिस मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई सुरेंद्र के बयान के आधार पर इसे इत्तेफाकिया मौत मानकर कार्रवाई की गई। मंगलवार देर शाम धनौरी गांव में पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पीतांबर 5 बहनों का इकलौता भाई था। सभी बहनें शादीशुदा हैं। पीतांबर की 2005 में शादी हुई थी। उनके पिता का कई वर्ष पहले देहांत हो चुका है। परिवार की पूरी जिम्मेदारी पीतांबर पर थी। परिवार में पत्नी सोनिया, मां निशा, बेटा महेश्वर (9) व बेटी (12) राधिका हैं।
मृतक का मोबाइल भी नहीं मिला
घटना की सूचना मिलते ही मुलाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। पुलिस ने मौके से कार्बाइन को अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की। इस दौरान मौके से मृतक का मोबाइल बरामद नहीं हुआ। जब परिजनों से पूछा गया तो उन्होंने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले मामूली सड़क दुर्घटना में उनका मोबाइल गुम हो गया था।
पूर्व पार्षद की सिक्योरिटी में तैनात थे पीतांबर
धनौरी गांव के 35 वर्षीय पीतांबर यमुनानगर सिटी थाना में ईएचसी के पद पर था। उनकी ड्यूटी कुछ समय से आजाद नगर में पुष्पलता की सुरक्षा में बतौर गनमैन लगी हुई थी। पुष्पलता पूर्व पार्षद रही हैं और उनके पति रघुनाथ की 2 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रघुनाथ भी पार्षद रहे थे और इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसायी थे। रघुनाथ की हत्या के बाद उनकी पत्नी पुष्पलता को सिक्योरिटी मिली थी। पीतांबर रविवार को वहां से ड्यूटी पर लेट हो गए थे। इसलिए सर्विस कार्बाइन अपने साथ घर ले आए थे। उन्होंने इसे अपने बेडरूम में अलमारी में रखा था। भाई का कहना है कि मंगलवार काे ड्यूटी पर जाने से पहले पीतांबर सर्विस कार्बाइन को साफ करने लगे थे कि अचानक गोली चल गई। जब यह हादसा हुआ उस समय घर में केवल मृतक की पत्नी सोनिया व उनकी मां मौजूद थी। जबकि दोनों बच्चे राधिका व महेश्वर स्कूल जा चुके थे।