पहाड़ों में बारिश के चलते यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है। पहले जब यमुना नदी का जलस्तर सामान्य था, तो किसान नदी के बीच से अपने यमुना पार स्थित खेताें में पहुंच रहे थे, लेकिन अब जलस्तर बढ़ने से किसान नगली घाट पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज के ऊपर से जान जोखिम में डाल अपने खेत में आ-जा रहे हैं। क्योंकि अभी नदी में नाव की व्यवस्था नहीं हो पाई। आवाजाही घाट ठेकेदार का कहना है कि जो मिस्त्री नाव बनाने का कार्य कर रहा था, उसे चोट लग गई। जिससे वह कार्य नहीं कर पा रहा है। जिस कारण अभी नई नाव नहीं बन पाई।
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गुमथला गांव के पूर्व सरपंच सुरजीत सिंह, अवतार, हरनाम, बलजीत, अनिल व जितेंद्र का कहना है कि किसान धान रोपाई का कार्य तो पूरा कर चुके हैं, लेकिन इस समय धान में खाद व दवाई के छिड़काव का कार्य चल रहा है। वहीं, बहुत से किसान ऐसे हैं, जो यमुना नदी के उस पार से ही अपने पशुओं के लिए चारा लेकर आते हैं। जलस्तर में बढ़ोतरी होने से नगली घाट पर बना अस्थाई रास्ता टूट चुका है। प्रशासन से वे कई बार नदी में नाव की व्यवस्था किए जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक भी नाव की व्यवस्था प्रशासन ने नहीं कराई गई। मजबूरन किसानों को अपनी जान जोखिम में डालकर निर्माणाधीन ओवरब्रिज के ऊपर से ही अपने खेत में आना-जाना पड़ रहा है।