, रादौर :
राजकीय संस्कृति माडल स्कूलों में गरीब अभिभावकों पर जबरदस्ती 200 से 500 रुपये मासिक तथा 1000 रुपये दाखिला फीस लगाए जाने व शिक्षा सत्र का लगभग एक महीना गुजर जाने के बावजूद अभी तक स्कूलों में किताबों के स्कूलों न पहुंचने पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से रोष प्रकट किया है। मांगों को लेकर संघ का एक प्रतिनिधि मंडल खंड प्रधान मनीष तंवर के नेतृत्व में खंड शिक्षा अधिकारी से मिला। उनको ज्ञापन सौंपकर उक्त समस्याओं का समाधान करवाने की मांग की। इस दौरान सरकार व विभाग के खिलाफ रोष भी प्रकट किया गया।
खंड प्रधान मनीष तंवर व खंड सचिव संदीप चानना ने कहा कि 20 अप्रैल को हुई बातचीत में बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में दाखिला देने की बात कही गई थी। इसके लिए एसीएस ने सहमति दी गई थी। बावजूद इसके पत्र जारी किया जाता है कि सरकारी स्कूलों के गरीब छात्र- छात्राओं को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए सरकार स्वयं फीस वहन करेगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं सरकारी स्कूलों को छोड़कर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लें। अध्यापकों के रिक्त पड़े 40 हजार पदों को भरने की जरूरत ही न पड़े। बच्चे के दाखिले को परिवार पहचान पत्र ( फैमिली आइडी) से जोड़ना बच्चे को पढ़ाई से वंचित रखने का कार्य सरकार कर रही है। जिस बच्चे का परिवार पहचान पत्र नहीं होगा उसका दाखिला नहीं होगा। जिले में दूसरे राज्यों से काम करने वाले हजारों परिवार है जिनका परिवार पहचान पत्र नहीं बन सकता उनके बच्चों का दाखिला नहीं हो सकेगा। इससे प्रवासी हजारों बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से बाहर हो जाएंगे। मौके पर दिनेश तंवर, राकेश पांचाल, पुनीत बालियान, पवन कुमार, लक्ष्मी चोपड़ा, सोनिया वोहरा, सोनू, जसकुमार, रजविद्र, पूनम उपस्थित थे।