चाहकर भी नहीं छिपा सकेंगे प्रापर्टी, परिवार पहचान पत्र से लिक होगी आइडी

प्रापर्टी का रिकार्ड अब चाहकर भी छिपाना मुश्किल होगा। कहां और कितने प्लाट आपके नाम हैं, इसका ब्योरा एक क्लिक करते ही सामने होगा। क्योंकि अब नगर निगम एरिया में प्रापर्टी आइडी को भी परिवार पहचान पत्र से लिक किया जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से सभी नगर निगम व नपा को पत्र जारी कर इस योजना पर काम शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं। जिले में नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी, नपा रादौर व नपा साढौरा में हर प्रापर्टी पीपीपी से लिक होगी। इसमें स्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ सक्षम का भी सहयोग लिया जाएगा। इससे जहां खरीद फरोख्त में पारदर्शिता आएगी वहीं स्थानीय निकाय विभाग के पास डाटा भी दुरुस्त रहेगा। कहां कितनी प्रापर्टी आइडी :
यमुनानगर-जगाधरी नगर निगम, नपा साढौरा व रादौर में कुल एक लाख 96 हजार प्रापर्टी आइडी हैं। यमुनानगर-जगाधरी नगर निगम में एक लाख 78 हजार 20, रादौर में 10 हजार 618 व साढौरा में 8157 हैं। सर्वे से पहले नगर निगम क्षेत्र में लगभग 1.66 लाख प्रापर्टी आइडी बनी हुई थी। सर्वे में करीब 12 हजार नई आइडी बनाई गई है। एजेंसी द्वारा असेसमेंट नोटिस की सभी आपत्तियों का निपटान करने के पश्चात सर्वे फाइनल करके नगर निगम को सौंप दिया है। एजेंसी की ओर से दो वर्ष पहले ड्रोन मैपिग का काम पूरा किया जा चुका है। इसके बाद शहर का बेस मैप तैयार करने के लिए प्रापर्टी का आनलाइन सर्वे शुरू किया गया था। यह काम सरकार की ओर से मैसर्ज याशी कंसलटिग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। ये होगा फायदा :
निगम अधिकारियों के मुताबिक प्रापर्टी आइडी को परिवार पहचान पत्र से लिक होने से विभाग के पास दुरुस्त रिकार्ड रहेगा। यह रिकार्ड होगा कि किस व्यक्ति के पास कितनी प्रापर्टी है। यह कहां-कहां है। दूसरा, प्रापर्टी संबंधी विवाद व समस्याओं की संभावना खत्म हो जाएगी। किसी अन्य व्यक्ति के नाम प्रापर्टी नहीं हो सकेगी। ऐसे मामलों की संख्या कम नहीं है जिनमें किसी का नाम गलत है तो किसी का एरिया गलत हो गया। असेसमेंट में नाम दुरुस्त हो जाएगा। यह पता लग सकेगा कि प्रापर्टी गलत हाथों में नहीं है। गत दिनों हुए प्रापर्टी सर्वे में काफी खामियां सामने आ चुकी हैं। प्रापर्टी मालिकों को भेजे गए असेसमेंट नोटिस में इस तरह की खामियां सामने आ चुकी हैं। किसी की प्रापर्टी किसी अन्य व्यक्ति के नाम दिखा दी गई है तो किसी का एरिया कम दिखाया गया है। कोर्ट तक चले जाते हैं मामले :
प्रापर्टी डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष व पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि उनके संज्ञान ऐसे कई केस आ चुके हैं जिनमें फर्जी से तरीके से रजिस्ट्री करवाकर अपने नाम चढ़ा, लेकिन संपत्ति के असली वारिस इस पर सवाल उठा दिए। इस तरह के कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। प्रापर्टी आइडी को परिवार पहचान पत्र से लिक करने के बाद इस तरह के विवादों की संभावना कम हो जाएगी। बशर्ते इस कार्य में कोताही न बरती जाए। क्योंकि यह प्रापर्टी से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए गंभीरता से किया जाना जरूरी है। निगम के पास स्वस्थ रिकार्ड होगा :
नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर अशोक कुमार का कहना है कि सभी नगर निगमों में प्रापर्टी आइडी को परिवार पहचान पत्र से जोड़े जाने की योजना है। यह सरकार का सराहनीय कदम है। इससे निगमों के पास प्रापर्टी का स्वस्थ डाटा रहेगा। प्रापर्टी संबंधी विवाद नहीं होंगे। निगम एरिया में जल्दी ही यह काम शुरू करवा दिया जाएगा।

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