फर्जी फाइनेंस ऑफिस खोल देते थे लोन दिलाने का झांसा, दो युवतियों समेत 4 गिरफ्तार

केंद्रीय विद्यालय के पास सोमवार की रात पीछा कर पत्रकारनगर थाना प्रभारी मनोरंजन भारती के नेतृत्व वाली टीम ने सबसे पहले गिरोह के सरगना गुलशन कुमार व सरल सुमन शेखर को पकड़ा। उनकी निशानदेही पर अन्य तीन आरोपित पकड़े गए। आरोपितों के कब्जे से बरामद बाइक चोरी की पाई गई है।

पत्रकारनगर थाने की पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो एक साल से लोन दिलाने के नाम पर देश के विभिन्न प्रांतों के सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार आरोपितों को पकड़ा है।

पकड़ी गईं दोनों युवतियां साइबर अपराधियों की ओर से कंकड़बाग में खोली गई फर्जी फाइनेंस कंपनी में नौकरी करती थीं। डाटा प्रोवाइड करानेवाली एक एजेंसी से बैंक से जुड़े खाताधारकों की पूरी डिटेल हासिल करती थीं। बाद में उसका प्रिंट निकालकर ये दोनों संबंधित बैंक ग्राहकों को फोन कर उन्हें तरह-तरह के लोन दिलाने का झांसा देती थीं, जबकि गिरोह में शामिल सदस्य उन ग्राहकों के मोबाइल पर ई मेल, व्हाट्सएप पर संदेश व लिंक भेजकर अपने जाल में फंसाते थे।

बाद में उनसे प्रोसेसिंग फीस, इंश्योरेंस फीस, जीएसटी आदि के नाम पर अपने खातों से रकम ट्रांसफर कराकर उनका मोबाइल हैक कर खाते से रकम उड़ा देते थे। बाद में फर्जी नाम व पते पर खोले गए खातों में ट्रांसफर कर शातिर पूरी रकम निकालकर अपने पास रख लेते थे।

कोलकाता से लेते थे डी सिम

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि कोलकाता की एक एजेंसी फर्जी नाम-पते पर डी सिम यानी डुप्लीकेट सिम मुहैया कराती है। इसके लिए एजेंसी मोटी रकम लेती है। बैंक खातों में इसी सिम का नंबर दिया जाता था। छह माह बाद सिम बदल दिया जाता है।

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