बर्थडे सरप्राइज गिफ्ट देने के बहाने प्रेमिका को बुलाया और उतारा दिया मौत के घाट

बीकानेर. नाल पुलिस ने निर्माणाधीन मकाम में महिला का शव मिलने और उसकी पहचान होने के ४८ घंटे बाद ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। बर्थडे सरप्राइज गिफ्ट देने के बहाने प्रेमी ने अपने साथी के साथ मिलकर महिला की चाकू घोंप कर हत्या की थी। मृतका के प्रेमी और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

पहचान न हो, इसलिए बिगाड़ा था चेहरा

पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि नयाशहर थाना क्षेत्र के पंडित धर्मकांटा अहमदी मस्जिद के पास प्रताप बस्ती की रहने वाली निशा पत्नी पिन्टू की हत्या उसके प्रेमी प्रताप बस्ती निवासी आदिल पुत्र सलीम अली एवं उसके साथी अख्तर पुत्र इकबाल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पुलिस से बचने के लिए मृतका की पहचान न हो, इसके लिए चेहरे को विभत्स कर दिया था। नाल सीआइ विक्रमङ्क्षसह चारण के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। टीम ने करीब 24 दिन की मेहनत से महिला की पहचान की। पहचान होने के 48 घंटे के भीतर ही हत्यारों को पकडऩे में सफलता प्राप्त कर ली। आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

इस बहाने बुलाया था महिला को

एसएचओ विक्रमसिंह चारण ने बताया कि आदिल ने महिला निशा को अपने प्रेमजाल में फांस रखा था। निशा पहले से शादीशुदा थी। अब वह आदिल पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। आदिल का कहना है कि वह बार-बार रुपयों की मांग कर ब्लैकमेल कर रही थी। इसलिए आदिल ने अपने बचपन के दोस्त अख्तर के साथ महिला को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। 20 जनवरी को बर्थडे सरप्राइज गिफ्ट देने के बहाने उसे नाल के गेबनापीर रोड ले गए थे।

यूं खुला हत्या का राज

सीआइ चारण ने बताया कि निशा की पहचान होने के बाद पड़ताल में पुलिस को पता चला कि निशा काफी समय से प्रताप बस्ती के आदिल नाम के लड़के के संपर्क में थी। तब पुलिस आदिल का पता लगाने में जुट गई। पता चला कि आदिल 20 जनवरी के बाद से गायब है। आदि के माता-पिता व भाई-बहन कोई नहीं है। साइबर सेल के हैडकांस्टेबल दीपक यादव ने तकनीकी मदद से आदिल की लोकेशन पता लगाई, जो गुजरात आई। तब एएसआई बाबूलाल यादव को टीम के साथ गुजरात भेजा। पुलिस टीम ने आदिल व अख्तर को गुजरात से दस्तयाब किया।

यह थी टीम

सीआइ चारण के साथ एएसआई बाबूलाल यादव, हैडकांस्टेबल पांचाराम, साइबर सेल के हैडकांस्टेबल दीपक यादव, कांस्टेबल रमेश, संदीप, राजेन्द्र, दिनेश कुमार की इस केस के खुलासे में अहम भूमिका रही

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