विश्व हैपेटाईटीस दिवस के उपलक्ष में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों पर स्क्रीनिंग कैम्पस का आयोजन किया गया।

विश्व हैपेटाईटीस दिवस प्रति वर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है।  विश्व भर में हैपेटाईटीस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जन साधारण में हैपेटाईटीस के बारे में जागरूक करना है।  हैपेटाईटीस के चलते लीवर से सम्बंधित समस्याओं के बारे व लीवर के कैंसर के बारे में जागरूकता का प्रचार व प्रसार किया जाता है। इसी के चलते 28 जुलाई 2020 को जिला यमुनानगर में विश्व हैपेटाईटीस दिवस के उपलक्ष में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों पर स्क्रीनिंग कैम्पस का आयोजन किया गया। कैम्पस् के साथ-साथ मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर में सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल अस्पताल यमुनानगर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनिल कुमार के साथ-साथ नॉडल ओफिसर डॉ. पुनित कालडा, माईक्रोबायोलोजीस्ट डॉ. चारू कालडा  व अन्य चिकित्सा अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सिविल सर्जन डॉ. दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि हैपेटाईटीस का प्रभाव लीवर से सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं पर पडता है। हैपेटाईटीस के भी विभिन्न प्रकार है, जिन्हें पॉंच प्रकार से स्वास्थ्य की दृष्टि से बॉटा जाता है।  इसके तहत मरीजों में हैपेटाईटीस-ए, हैपेटाईटीस-बी, हैपेटाईटीस-सी, हैपेटाईटीस-डी व हैपेटाईटीस-ई की बिमारी होती है।  उन्होने बताया कि हैपेटाईटीस-ए व ई सामान्यत: दूषित खानपान से भी हो जाता है, जो कुछ समय पश्चात स्वय् भी ठिक हो जाता है।  परन्तु हैपेटाईटीस-बी व सी खतरनाक होते है,जो कि लम्बे समय तक या पूरा जीवन भी व्यक्ति को ग्रस्त रख सकते हैं। डॉ. दहिया ने कहा कि  हैपेटाईटीस से ग्रस्त व्यक्ति किसी भी प्रकार के हैपेटाईटीस से ग्रस्त हो सकता है तथा प्रति वर्ष हैपेटाईटीस के मरीजों में वृद्धी हो रही है तथा पूर्ण जानकारी के अभाव में मरीज उचित उपचार नहीं कराता है। इसी कारण जनसाधारण को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। उन्होने बताया कि आज सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों के लिये एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. पूनित कालडा द्वारा पॉवर प्वाईट प्रेशेन्टेशन के माध्यम से सभी को हैपेटाईटीस बिमारी के बारे विस्तार से जानकारी दी गई।
सिविल सर्जन ने जानकारी देते हुये बताया कि जिला यमुनानगर में सिविल अस्पताल यमुनानगर,उप-सिविल अस्पताल जगाधरी व जिला कारावास जगाधरी पर भी हैपेटाईटीस स्क्रीनिंग कैम्पों का आयोजन किया गया, जिनमें 275 व्यक्तियों कि हैपेटाईटीस-बी व सी की जॉंच की गई। उन्होने बताया कि 275 में से तीन व्यक्ति हैपेटाईटीस से ग्रस्त पाये गये। हैपेटाईटीस से संक्रमीत तीनों व्यक्तियों को पूर्ण जॉंच व उपचार के लिये सिविल अस्पताल यमुनानगर भेजा गया है तथा अस्पताल के परामर्शदाताओं के माध्यम से पूर्ण जानकारी भी दी जायेगी।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनिल कुमार ने बताया कि मुकन्द लाल जिला नागरिक अस्पताल में भी हैपेटाईटीस स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया, जिसके तहत अस्पताल में 82 व्यक्तियों की हैपेटाईटीस की जॉंच की गई तथा कोई भी व्यक्ति हैपेटाईटीस से ग्रस्त नहीं पाया गया। उन्होने बताया कि कैम्प के दौरान हैपेटाईटीस-बी व सी की जॉंच की गई तथा उन्होने यह भी बताया कि सिविल अस्पताल यमुनानगर में हैपेटाईटीस से सम्बंधित सभी सुविधाएॅं मरीजों को मुफत उपलब्ध कराई जाती हैं। 
इस अवसर पर उप-सिविल सर्जन एन.वी.एच.सी.पी. ने जानकारी देते हुये बताया कि हैपेटाईटीस स्क्रीनिंग राष्ट्रीय स्तर पर 2018 से तथा हरियाणा में 2013 से हैपेटाईटीस की स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्होने बताया कि हैपेटाईटीस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भी फैल सकता है,परन्तु इसे फैलने के कुछ मुख्य कारण है, जैसे संक्रमीत रक्त चढाने से, संक्रमीत सूई का प्रयोग करने से, असुरक्षित योन सम्बंध बनाने से हैपेटाईटीस संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे को हो सकता है तथा हैपेटाईटीस से संक्रमीत होने वाले व्यक्ति के लीवर पर प्रभाव पडता है तथा हैपेटाईटीस-बी व सी के मरीज को लीवर का कैंसर होने का भी खतरा होता है। अत: सभी हैपेटाईटीस के मरीजों को चिकित्सीय सलाह के अनुसार ही जीवनयापन करना चाहिये ताकि वे स्वस्थ जीवन निर्वाह कर सकें।

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