पिकनिक स्थल बना रखे किनारे, पार्टी कर नहरों में नहाना बना रखा शौक

यमुनानगर :

जिले में पश्चिमी यमुना नहर में नहाने के दौरान डूबने की घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद युवा सबक नहीं ले रहे हैं। आमतौर पर दोपहर बाद नहाने वालों की भीड़ अधिक रहती है। कुछ ऐसे प्वाइंट हैं, जो शराब का अड्डा बन चुके हैं। नहर के दोनों ओर पेड़ों की घनी छाया होती है। यहीं पर शराब और बीयर पीकर युवा नहरों में कूदते हैं। ऐसे में ही वह कई बार हादसे का शिकार बन जाते हैं। गहराई में जाने की वजह से वह बाहर नहीं निकल पाते और जान गंवा बैठते हैं। अधिकतर की आयु भी 20 से 25 वर्ष की होती है। जबकि सिचाई विभाग की ओर से नहर के पुलों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। इसके बावजूद भी लोग नहाने से बाज नहीं आते।

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है। वैसे ही नहर में डूबने के मामले भी सामने आ रहे हैं। अभी एक पखवाड़े में 15 युवक नहर में नहाते समय डूब चुके हैं। इनमें से पांच युवकों पर नहाते समय हमला हुआ था और वह डूब गए थे। यह हालात तब हैं, जब प्रशासन की ओर से नदी व नहरों में नहाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। पश्चिमी यमुना नहर के फतेहपुर पुल के पास, चिट्टा मंदिर, बाड़ी माजरा, दड़वा घाट, अमादलपुर, हमीदा हैड व दादूपुर हैड के पास गर्मियों के दिनों में नहाने वालों की संख्या बढ़ जाती है। सबसे अधिक हादसे भी इन्हीं जगहों पर होते हैं। बूड़िया पुल से लेकर अमादलपुर पुल तक तक नहर के पास पांच घाट बने हुए हैं। जहां पर दोपहर व शाम के समय युवा नहाते हैं। इसके साथ ही इन जगहों पर काफी पेड़ खड़े हैं। ऐसे में यहां पर छिपकर कुछ युवा नशा भी करते हैं। कोई शराब पीता है, तो कोई अन्य नशा करता है। इसी तरह से अमादलपुर पुल से फतेहपुर पुल व बाड़ी माजरा तक भी 12 जगहों पर घाट बने हुए हैं। जिनमें युवा नहाते हैं। यहां पर भी शाम के समय अधिक भीड़ लगती है।

दादूपुर हैड व हमीदा हैड पर भी जुटते हैं युवा :

दादूपुर हैड पर सबसे अधिक हादसे होते हैं। यहां पर नहर के दोनों और अलग-अलग जगह पर घाट बने हुए हैं। एक तरफ नहर का खुला एरिया हैं। जहां पर युवा कारों सहित पहुंच जाते हैं। यहीं पर शराब पीते हैं और इसके बाद नहर में नहाते हैं। यहां पर हादसे अधिक होते हैं, क्योंकि इस जगह पर गहरे कुंड भी बने हुए हैं। दादूपुर हेड पर चिकन व शराब की दुकानें भी हैं। जिस वजह से छुट्टी के दिन यहां पर युवा जुटते हैं और पिकनिक भी मनाते हैं। इसके अलावा हमीदा हेड का एरिया भी इसी तरह से है। यहां पर भी नहर में नहाने के लिए काफी युवा आते हैं। यहां भी काफी हादसे होते हैं।

नहीं ले रहे सबक :

पश्चिमी यमुना नहर में हर वर्ष 15 से 20 लोग डूब जाते हैं। इनमें से अधिकतर 20 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। ज्यादातर की मौत ही हो जाती है, क्योंकि पश्चिमी यमुना नहर में कई जगह गहरे कुंड बने हुए हैं। इनमें नहाते हुए जो फंस जाता है। वह बाहर नहीं निकल पाता। दूसरी वजह यह है कि अधिकतर युवा तैरना नहीं जानते। वह अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए नहर में उतर जाते हैं। नहर में कुंड की वजह से भंवर बन जाते हैं। जिसमें से निकलना मुश्किल हो जाता है।

यह हो चुकी हाल ही में घटनाएं :

तीन मई : मुसिबल निवासी राजेश कुमार की फतेहपुर पुल के पास नहाते समय डूबा।

10 मई : बूड़िया के पास नहर में नहाते हुए रविश नाम का युवक डूबा।

13 मई : यमुना नदी में गांव कमालपुर टापू के पास नहाते समय 20 वर्षीय अभिषेक व 17 वर्षीय जाहिद की डूबने से मौत।

13 मई : बाड़ी माजरा पुल से नहर में कूदी महिला को गोताखोर ने बचाया।

11 मई : बाड़ी माजरा पुल से नहर में कूदे ईस्ट भाटिया नगर निवासी बुजुर्ग राजकुमार को गोताखोरों ने बचाया।

15 मई : बूड़िया में पश्चिमी यमुना नहर में नहाते हुए पांच युवकों पर हमला कर दिया गया। जिससे वह बचने की कोशिश में डूब गए थे। कई दिन बाद उनके शव मिले थे।

28 मई : दादूपुर हैड के पास नहर में नहाते समय मांडखेड़ी निवासी 19 वर्षीय तुषार डूब गया।

पांच जून : हमीदा हैड के पास पश्चिमी यमुना नहर में दोस्तों के साथ नहाते समय 19 वर्षीय आकाश डूब गया।

छह जून : सहारनपुर पुल के पास पश्चिमी यमुना नहर में वीडियो बनाने के लिए दौरान गहराई पहुंच गया चेतन, नहर में डूबा।

छह जून : गांव कांजनू में पश्चिमी यमुना नहर में मानसिक रूप से परेशान ने छलांग लगा दी। उसका शव मिला था।

नौ जून : यमुना नदी के लालछप्पर घाट पर दो सगे भाई डूब गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *