बच्चों के हित में लिया नियम 134 एक के तहत दाखिले बंद करने का निर्णय : कंवरपाल

 यमुनानगर :

हरियाणा में नियम 134 एक के तहत दाखिले बंद कर दिए जाने के बाद विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि वर्ष-2007 से लेकर 2014 तक इस निर्णय का विरोध करने वालों की सरकार रही है। वे बताएं कि उन्होंने सात साल के इस कार्यकाल में कितने दाखिले किए हैं। मात्र राजनीतिक रोटियां सेंकने व अभिभावकों को गुमराह करने के लिए मुट्ठी भर लोग इसका विरोध कर रहे हैं। बुधवार को शिक्षामंत्री रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि नियम 134-ए के तहत दाखिले बंद करके हमने 134ए के तहत तो केवल 10 प्रतिशत गरीब बच्चों को दाखिला मिलता था, लेकिन आरटीई का लाभ 25 प्रतिशत बच्चों को मिलेगा। दूसरा, नियम 134 ए के तहत लाभ लेने वाले बच्चों को दूरी तय करनी पड़ती थी। इसके लिए ट्रांसपोर्ट की समस्या रहती थी, लेकिन आरटीई के तहत नजदीकी स्कूल में दाखिला मिलेगा। ट्रांसपोर्ट की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उनकी फीस सरकार वहन करेगी। स्कूलों में किताबें बेचने वालों पर कसेंगे शिकंजा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ अंधाधुंध फीस बढ़ाए जाने संबंधी शिकायतें मिल रही थीं। इसका समाधान हमने कर दिया है। नियम बना दिया गया है कि कोई भी स्कूल पांच प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। यदि कोई बढ़ाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी शिकायत बार-बार स्कूल ड्रेस बदलने से संबंधित मिल रही थी। इसके लिए हमने स्पष्ट कर दिया कि कोई भी स्कूल पांच वर्ष तक ड्रेस चेंज नहीं कर सकेंगे। स्कूलों में किताबें बेचने संबंधी शिकायतें भी मिल रही हैं। इस बारे जल्दी की ठोस नीति बनाई जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्कूल में किताबें न बिक पाएं। हर छह-सात किलोमीटर पर होगा संस्कृति माडल स्कूल

शिक्षामंत्री ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करवाने के लिए संस्कृति माडल स्कूल खोले जा रहे हैं। प्रदेश में 138 स्कूल चल रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर 500 की जाएगी। हमारा प्रयास है कि हर छह-सात किलोमीटर पर एक संस्कृत माडल स्कूल खोला जाए। तभाजपा की सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया है। विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।

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