पशुओं के निवाले पर महंगाई की मार, तूड़ी के दामों में भारी उछाल, किसानों से लगाई गुहार

बराड़ा(अंबाला)। पूरे प्रदेश में इस दफा गेंहू के कम झाड़ और इसके भूसे की कमी के कारण रेट आसमान छू गए हैं। हालात ये हैं कि क्षेत्र के जो किसान हर साल स्थानीय गौशालाओं में भूसा बेच देते थे। वह अब बेहतर रेटों के चलते बाहर भूसा बेच रहे हैं। ऐसे में गौशाला संचालकों को चारा भंडारण करने में भारी दिक्कत आ रही है। इस बार की स्थिति ऐसी है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस बार आधे से भी कम सूखे चारे के भंडारण हो रहा है।

ऐसे में क्षेत्र के सभी गौशाला संचालक सोमवार को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। तूड़ी की कमी से जूझती मुलाना विधानसभा में तीन गौशालाएं हैं। इनमें श्री गोविंद गोशाला बराड़ा, मारकंडेश्वर गौशाला कालपी तथा सरकार द्वारा संचालित नंदी शाला टंगैल आती है। क्षेत्र में गेहूं की फसल की कम बिजाई व बरसात की वजह से तूड़ी की काफी कमी हो गई है। इससे गौवंश का सूखा चारा तूड़ी गौशालाओं में न तो दान रूप में आ रहा है और ना ही किसी भी कीमत पर मिल पा रहा है।

किसानों से लगा रहे गुहार

इस दफा चारे के भंडारण की भारी कमी होने से क्षेत्र के सभी गौशाला संचालक प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गौशालाओं को उचित मूल्य पर सूखा चारा तूड़ी उपलब्ध करवाया जाए। स्थानीय चारे पर बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया जाए। क्योंकि पहले से ही खर्च अधिक होने के कारण गौशाला पदाधिकारी मुश्किल में काम चला रहे हैं। वहीं क्षेत्र के किसानों और दानवीर लोगों से सहयोग किया जा रहा है कि आगे आएं तथा गौशाला में सूखे चारे के लिए सहयोग करें। सोमवार को क्षेत्र की सभी गौशाला प्रबंधन एसडीएम बराड़ा को सरकार के नाम एक ज्ञापन भी सौंपेगी।

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