रोडवेज विभाग से खफा छात्र छात्राओं ने सड़क के बीच बैठ लगाया जाम

बिलासपुर : रोडवेज विभाग में बसों की कमी के चलते घाड़ क्षेत्र के सैकड़ों छात्र सड़क पर उतर आए। रामपुर बस स्टैंड के पास रणजीतपुर बिलासपुर मुख्य मार्ग पर छात्र व छात्राओं ने सड़क के बीच में बैठकर जाम लगा दिया। इस दौरान सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। दो घंटे तक छात्र सड़क पर डटे रहे। इस दौरान पुलिस के साथ भी नोकझोक हुई। बाद में रणजीतपुर चौकी प्रभारी रामपाल ने रोडवेज जीएम से बात की। उनके आश्वासन के बाद छात्र सड़क से हटे। साथ ही चेतावनी दी यदि उनकी समस्या का ठोस हल नहीं निकला तो फिर से जाम लगाया जाएगा। उनकी पढ़ाई काफी प्रभावित हो चुकी है।

सुबह आठ बजे रोडवेज की बस समय से न पहुंचने पर मुख्य मार्ग पर छात्र -छात्राएं सड़क के बीचोबीच बैठ गई। जिससे दोनों साइट में वाहनों की लाइन लग गई। सूचना मिलते ही रणजीतपुर चौकी प्रभारी रामपाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। छात्रों को समझाने का प्रयास किया। वह लिखित में आश्वासन की मांग पर अड़े रहे।
कर्मचारियों पर मनमर्जी का आरोप :

प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं का कहना है कि रोडवेज के कर्मचारी मनमर्जी से बस चलाते हैं। जिसके कारण अक्सर शिक्षण संस्थानों में पहुंचने में देर हो जाती है। इस बारे में कई बार विभाग को समस्या से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। छात्र विशाल कुमार, जतिन, हर्ष , अजय, मोहित, काजल , नीरू, मीनाक्षी का कहना है कि रणजीतपुर से बिलासपुर तक सुबह के समय तीन बसों की सर्विस थी, लेकिन कुछ समय के बाद बसों की संख्या घटाकर दो कर दी गई। जिससे दिक्कत आ रही है।

समय पर नहीं आती बसें :

विभाग की दो बसें भी सुबह निश्चित समय पर नहीं आती। जिस कारण बस में भीड़ हो जाती है। मजबूरी में खिड़कियों पर लटक कर शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना पड़ता है। हर वक्त हादसे का डर रहता है। समय से शिक्षण संस्थानों में न पहुंचने पर छात्रों को प्रवेश नहीं मिलता। परिवहन विभाग के चालक व परिचालक मर्जी से रामपुर बस स्टैंड पर बस रोकते हैं। जिसके कारण एक छात्र गिरकर घायल भी हो चुका है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि सुबह आठ बजे तक तीन बसों का समय होना चाहिए। प्रशासन को अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करनी चाहिए।

लगातार घट रही बसों की संख्या :

आबादी के मुताबिक रोडवेज विभाग के बेड़े में 250 बसों की जरूरत है। गंभीर स्थिति यह है कि केवल 135 बसें ही इन दिनों आन रोड है। गत वर्ष बसों की संख्या 152 थी। आने वाले दिनों में और भी बसें कंडम की सूची में शामिल हो जाएगी। इससे और बसों की कमी आएगी।

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