यमुनानगर : करीब तीन माह बाद 24 अगस्त को रोड सेफ्टी की बैठक प्रस्तावित है। इस बार भी पिछली बैठक में उठे मुद्दों पर ही चर्चा होगी, क्योंकि कही पर कोई काम नहीं हुआ है। सड़कों की खामियां ठीक नहीं हुई। अब बरसात के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई है। सड़कें गड्ढ़ों में तब्दील हैं। रोड पर लगाए जाने वाले ब्लिंकर, सांकेतिक तक नहीं लगाए गए।
डीटीओ की ओर से भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में इस बार भी बैठक में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा, क्योंकि डीटीओ की ओर से रोड सेफ्टी के कामों से संबंधित रिपोर्ट तैयार की जाती है। सड़क सुरक्षा के नाम पर अधिकारी महज खानापूर्ति कर रहे हैं। बैठकें कर प्वाइंट तैयार कर लिए जाते हैं। इन प्वाइंटों पर चर्चा होती है, लेकिन इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं होती। ब्लैक स्पाटों पर भी कार्य नहीं हो रहा है। सबसे अधिक हादसे इन्हीं जगहों पर होते हैं। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा भी सड़क सुरक्षा की बैठक में रखे गए मुद्दों पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन अधिकारी इस ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं।
इन ब्लैक स्पाट पर हो चुके सबसे अधिक हादसे :
सड़कों पर संकेतक, कैट आइ, सड़कों के गड्ढ़े, ट्रैफिक लाइटें को ठीक कराना आदि कार्य होते हैं। सड़कों पर जहां तीव्र मोड़ हैं। वहां पर भी संकेतक लगाए जाने हैं। जिससे दूर से आने वाले वाहन चालकों को पता लग सके। इसके साथ ही कुछ सड़कों पर बरम सही नहीं है। उन बरम को ठीक किया जाना है। सड़कों किनारे खड़े सूखे पेड़ों को हटाया जाना है। वह पेड़ भी नहीं हटाए गए। जिसकी वजह से हादसों का खतरा बना रहता है। सड़कों तक आ चुके पेड़ों की शाखाओं को कटवाया जाना है।
लेदी से दादूपुर रोड पर चलती Xuv500 कार में लगी आ*ग, चंद मिनटों में लाखों की कार हुई स्वाहा
सड़कों पर बने गड्ढ़े बन रहे जाम का कारण :
बरसात के बाद हालात अधिक बिगड़ गए हैं। जिस वजह से सड़कों पर गड्ढ़े बन गए हैं। इनकी वजह से भी जाम लगा रहता है। महाराणा प्रताप चौक से लेकर जिला सचिवालय तक जाम के हालात रहते हैं। इस रोड पर जगह-जगह गड्ढ़े बने हुए हैं। एक स्कूल के सामने जाम की समस्या रहती है। उसका भी मुद्दा बैठक में उठा, लेकिन यह समस्या भी जस की तस है।