यमुनानगर :
कलानौर-पंचकूला नेशनल हाईवे पर थाना छप्पर व करेहड़ा खुर्द को ब्लैक स्पाट के लिए नोटिफाई कर लिया गया है। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया(एनएचएआइ) द्वारा नोटिफाई होने से इन दोनों जगहों पर अंडरपास या ओवरब्रिज बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यहां पर लगातार हो रहे हादसों की वजह से अंडरपास या ओवरब्रिज बनाए जाने की मांग उठ रही थी। यमुनानगर विस से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी इस संबंध में विधानसभा में सवाल उठाया था। एनएचएआइ के साइट इंजीनियर अभिमन्यु मलिक ने बताया कि सर्वे के बाद करेहड़ा खुर्द व थाना छप्पर को नोटिफाई किया गया है।
छह जगहों पर ओवरब्रिज बनाने की थी मांग :
कलानौर पंचकूला नेशनल हाईवे का जब निर्माण हुआ था, तो इसमें अंडरपास व ओवरब्रिज का बजट नहीं रखा गया था। जिस वजह से इस पूरे हाईवे पर कही भी अंडरपास व ओवरब्रिज नहीं है। एक-दो जगह केवल रेलवे क्रोसिग के लिए अंडरपास बने हुए हैं। जबकि इस हाईवे से आसपास के गांवों से निकलने वाले लिंक रोड मिलते हैं। यही हादसे का सबसे बड़ा कारण है। लिक रोड से हाईवे पर सीधा चढ़ना पड़़ता है। इस वजह से गति से आ रहे ट्रक व अन्य वाहनों के टकराने का खतरा रहता है। कई बार इसकी वजह से दुर्घटनाएं हुई हैं। राज्य स्तरीय रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में भी इस हाईवे पर जिले में खजूरी-करहेडा खुर्द, खंडवा, हरनौल, सुढल-सुढैल, कैल व थाना छप्पर में ओवरब्रिज बनाने की सिफारिश की गई थी।
सर्वे में ब्लैक स्पा
ट चिह्नित होने के बाद होता है नोटिफाई :
नेशनल हाईवे पर कोई भी अंडरपास या ओवरब्रिज बनाने के लिए टीम सर्वे करती है। सर्वे में हाईवे पर हुए मुख्य प्वाइंटों पर हादसों की संख्या देखी जाती है। कितने गांवों के लिक रोड से जुड़ रहा है। यह सब जांचने के बाद ब्लैक स्पाट चिह्नित किया जाता है। जिसके बाद ही अंडरपास या ओवरब्रिज के लिए नोटिफाई किया जाता है।
अमेरिका ने दी सवा करोड़ की स्कॉलरशिप, यमुनानगर की बेटी अमेरिका के स्कूल में वह भी बिल्कुल फ्री
यह हो चुके हादसे :
एक जनवरी 2018 से लेकर अब तक बाइपास पर जिले में 200 सड़क हादसे हो चुके हैं। जिनमें 123 लोगों की मौत हुई, जबकि 175 से ज्यादा घायल हुए। नेशनल हाईवे पर जिले में दो जगहों पर ही 63 हादसों में 32 लोगों की मौत हो चुकी है। बस स्टैंड छप्पर पर 28 हादसों में 15 मौत व 22 घायल हुए। इसी तरह करेहड़ा खुर्द में 25 हादसों में 18 मौत व 29 घायल हुए। जबकि बाइपास पर ही नौ अन्य जगहों पर हुए 72 हादसों में 44 मौत व 67 घायल हो चुके हैं।