हरियाणा सरकार पलवल में लगाने जा रही है इलेक्ट्रिक बस फैक्ट्री, खर्च होंगे 657 करोड़ और हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

चंडीगढ़: प्रदेश में निवेश एवं रोजगार से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। हरियाणा में जेबीएम कंपनी पलवल में करीब 80 एकड़ में 657 करोड़ रुपए की लागत से इलेक्ट्रिक बस के लिए असेंबली यूनिट स्थापित कर रही है, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। इसके अलावा करीब 625 करोड़ रुपये से लगने वाले पॉलीफिल्म्स बनाने के एक प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी गई है। इन दोनों बड़े उद्योगों को राज्य सरकार की एंटरप्राइज एंड एम्प्लोयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी के तहत 10 साल तक विभिन्न रियायतें दी जाएंगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि 75 प्रतिशत रोजगार बिल के आधार पर हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने वाले उद्योगों को हर हरियाणवी कर्मचारी के नाम पर 48 हजार रूपये सालाना राज्य सरकार देगी। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एनरिच एग्रो नाम की एक कम्पनी का प्रोक्योरमेंट का कार्यकाल खत्म हो रहा था, जिसे सरकार ने एक साल और बढ़ाया है। ये जानकारी उन्होंने हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड (एचईपीबी), हाई पावर्ड लैंड परचेज कमेटी (एचपीएलपीसी) की हुई बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए दी।बैठक में कुल 9 एजेंडे रखे गए

हाई पावर्ड लैंड परचेज कमेटी (एचपीएलपीसी) की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में ई-भूमि के माध्यम से प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन खरीदने बारे चर्चा हुई। बैठक में कुल 9 एजेंडे रखे गए थे, जिनमें से कई महत्वपूर्ण एजेंडों को सरकार ने किसानों के साथ आपसी सहमति से सेटल किया है। उन्होंने बताया कि बरसोला माइनर के विस्तार के मामले में पहले जमीन का अधिग्रहण हो चुका था, लेकिन माइनर को और आगे लेकर जाने के लिए लगभग 12.4 एकड़ जमीन के लिए किसानों से चर्चा हुई है। इसी तरह लंबे समय से पैंडिंग पड़े करनाल हेल्थ यूनिवर्सिटी की एप्रोच रोड के मामले में 11.25 एकड़ जमीन किसानों से चर्चा करके सहमति हुई है। पानीपत में ड्रैन के पैच कनेक्शन के मामले में 1.91 एकड़ जमीन को सरकार ने किसानों की सहमति से ली है। लाखनमाजरा में महम को जाने वाले फ्लाईओवर पर सर्विस लेन, रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी के लिए सड़क नहीं थी। इसके लिए 3.6 एकड़ लैंड नेगोशिएट किया है। वहीं बैठक में चीका बाईपास पर भी चर्चा हुई है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल लॉन्च किया है। उन्होंने बताया कि इसमें आज से हर ग्रामीण को यह सुविधा मिल गई है कि वो पोर्टल के माध्यम से अपने जन प्रतिनिधियों को किसी भी विभाग से जुड़ी अपने गांव की मांग पहुंचा सकता है। इनमें चुने हुए प्रतिनिधि जैसे सरपंच, पंचायत समिति/जिला परिषद के सदस्य, विधायक, लोकसभा/राज्यसभा के सांसद शामिल है, जो इन मांगों की सिफारिश कर सकेंगे। डिप्टी सीएम ने बताया कि पोर्टल पर ग्रामीणों से मिलने वाली मांगों को मॉनिटर भी किया जाएगा। सभी विभागों में डिजिटल तरीके से इनकी ई-फाइल बनाकर आगे भेजे जाएगी। अगर कोई भी मांग, सुझाव आदि छह माह तक प्रतिनिधि द्वारा सिफारिश नहीं किए जाएंगे तो उन्हें ड्राप कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कि ग्रामीण आंचल के आम नागरिकों को इस पोर्टल से यह सुविधा भी मिलेगी कि वे अपने गांव से जुड़े विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट हासिल कर सकें।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *