जजों को मिलने वाली धमकियों के बाद बैंच के तीनों जजों को Y कैटेगिरी की सुरक्षा प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के तीनों न्यायाधीशों को मौत की धमकी मिलने के बाद ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई।
बेंगलुरु में अपने आवास के बाहर रविवार को मीडिया से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। मैंने महानिदेशक और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की पूरी जांच करने का निर्देश दिया है, जिसमें कुछ लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी।
तीन जजों में चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी पीठ में जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस खाजी एम जयबुन्निसा भी शामिल थे। बोम्मई ने जजों को धमकाने के तीन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। घटना की निंदा करते हुए बोम्मई ने कहा, “समुदाय के पक्ष में होना धर्मनिरपेक्षता नहीं है, यह सांप्रदायिकता है। मैं इसकी निंदा करता हूं, हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए।
बता दें कि Y कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें एक या दो कमांडो और दो पीएसओ भी शामिल होते हैं। वहीं, Y+ कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मियों के अलावा एस्कॉर्ट वाहन भी रहता है। एक गार्ड कमांडर और चार गार्ड आवास पर भी तैनात होते हैं।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के तीन पदाधिकारियों पर कथित तौर पर हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।