नई दिल्ली, पीटीआइ। उद्योग निकाय ISMA के अनुसार, बांग्लादेश और इंडोनेशिया में बेहतर मांग के कारण सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में भारतीय चीनी का निर्यात बढ़कर 90 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 71-72 लाख टन था। बता दें कि चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा, “बाजार की रिपोर्ट और बंदरगाह की जानकारी के अनुसार, अब तक लगभग 80 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया गया है। इसमें से लगभग 57.17 लाख टन चीनी अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान भौतिक रूप से देश से बाहर निर्यात की गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान पिछले चीनी वर्ष में लगभग 31.85 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था।”
ISMA ने कहा कि उसने 2021-22 के विपणन वर्ष के लिए अपने उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 350 लाख टन कर दिया है। इसने अपने निर्यात अनुमानों को भी संशोधित कर 90 लाख टन से अधिक कर दिया। इसने कहा “उपरोक्त और 272 लाख टन की घरेलू खपत को ध्यान में रखते हुए, 30 सितंबर 2022 को चीनी सीजन के अंत में 68 लाख टन का क्लोजिंग बैलेंस होगा।”
हाल ही में, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा था कि ‘सितंबर को समाप्त होने वाले चालू 2021-22 विपणन वर्ष में भारत का चीनी निर्यात 80 लाख टन को पार कर सकता है, जो पिछले वर्ष के स्तर से होगा।’ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान देश ने रिकॉर्ड 72.3 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।
उत्पादन को लेकर ISMA ने कहा कि मिलों ने मौजूदा 2021-22 विपणन वर्ष में 15 अप्रैल तक 329.91 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो एक साल पहले की अवधि में 291.82 लाख टन था। महाराष्ट्र में 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन 126.48 लाख टन था, जो पिछले विपणन वर्ष की इसी अवधि में 103.95 लाख टन था।
वहीं, उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन समीक्षाधीन अवधि के दौरान 100.86 लाख टन से घटकर 94.41 लाख टन रह गया।