नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि क्रिप्टो को नियंत्रित (रेगुलेट) करने के लिए वैश्विक फ्रेमवर्क की जरूरत है क्योंकि इसका इस्तेमाल अवैध तरीके से पैसे के लेनदेन से लेकर आतंकवाद को वित्तीय मदद तक में किया जा सकता है। कोई भी देश इसे अकेले रेगुलेट नहीं कर सकता है। सभी देशों को एक साथ आना होगा तभी क्रिप्टो को रेगुलेट किया जा सकता है। इसे रेगुलेट करने के लिए काफी निपुण टेक्नोलाजी की जरूरत पड़ेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण इन दिनों अमेरिका में है।
आइएमएफ की तरफ से आयोजित एक सेमिनार में सीतारमण ने कहा कि भारत ब्लाक चेन टेक्नोलाजी के खिलाफ नहीं है क्योंकि इसका इस्तेमाल समाज के हित में होने वाले काम में किया जा रहा है, लेकिन क्रिप्टो अनियंत्रित मामला है। कई देशों ने क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए प्रोटोकाल टेक्नोलाजी साल्यूशन लाए गए हैं और भारत को भी इसकी जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो पर टैक्स इसलिए लगाया गया है ताकि इससे होने वाले लेनदेन का पता लग सके। वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है और भारत में भी महंगाई 6.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है और निश्चित रूप से महंगाई का भार आम आदमी पर पड़ रहा है जो हमारे लिए चुनौती है। हालांकि भारत में महंगाई उतनी नहीं बढ़ी है जितनी अन्य जगहों पर।
उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से डिजिटल हो रही है। भारत में फिनटेक का विस्तार तेजी से हो रहा है। ऐसे में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को लाना एक नेचुरल प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि सीबीडीसी से एक-दूसरे देश में भी भुगतान किया जा सकेगा। समय पर भुगतान हो सकेगा। इस साल बजट में सीबीडीसी लाने की घोषणा की गई है और रिजर्व बैंक सीबीडीसी को लाने की तैयारी कर रहा है।
बेहतर स्थिति में भारतीय बैंकिंग प्रणाली
सीतारमण ने बताया कि भारत की वर्तमान बैकिंग प्रणाली अच्छी स्थिति में है और अब हम बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बड़े बैंक के हिसाब से काम कर रहे हैं। इसलिए बैंकों को एक-दूसरे में मिलाया जा रहा है।
भारत में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल पर जोर
सीतारमण ने कहा कि भारत थर्मल की जगह प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है, लेकिन जिस तरीके से प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ी हैं, उसे देखते हुए कोयले पर निर्भरता को कम करना आसान नहीं दिख रहा है।
अमेरिका के इंडोपेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क से भारत सहमत
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अमेरिका ने इंडो पेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) का जो खाका पेश किया है, वह इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए फायदेमंद है। वियतनाम, फिलीपींस जैसे देशों के लिए भी आइपीईएफ काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने बताया कि आइपीईएफ से भारत सहमत है और इस फ्रेमवर्क के मुताबिक काम शुरू हो गया है। इससे वैश्विक सप्लाई चेन दुरुस्त करने के साथ ही क्षेत्रीय पर्यावरण के मामलों को भी सुलझाया जा सकेगा। इस क्षेत्र की टैक्स प्रणाली पर भी विचार किया जा सकेगा।